अब क्यूआर कोड से बनेगी हर घर की अलग पहचान, विश्व बैंक परियोजना पर होगा काम

अब हर घर की अलग पहचान होगी। जीआईएस सर्वे के बाद हर घर पर एक क्यूआर कोड लगाया जाएगा। इस कोड के स्कैन करने पर घर का सही-सही पता प्रमाणिक रूप से सामने आ जाएगा। इससे ऑनलाइन शापिंग से लेकर साफ, सफाई, कचरा उठाने की निगरानी आसानी से हो सकेगी।;

Update: 2021-06-17 01:22 GMT

अब हर घर की अलग पहचान होगी। जीआईएस सर्वे के बाद हर घर पर एक क्यूआर कोड लगाया जाएगा। इस कोड के स्कैन करने पर घर का सही-सही पता प्रमाणिक रूप से सामने आ जाएगा। इससे ऑनलाइन शापिंग से लेकर साफ, सफाई, कचरा उठाने की निगरानी आसानी से हो सकेगी। अगर किसी नागरिक के घर कचरा उठाने वाली गाड़ी जाएगी और कचरा उठाया जाएगा तो क्यूआर कोड स्कैन होगा।

इससे पता चल जाएगा कि किस घर में कचरा गाड़ी गई और काम हुआ। गौरतलब है कि नगरीय प्रशासन विभाग ने नगरीय क्षेत्र के सभी भवनों की जीआईएस मैपिंग का काम शुरू करवाया है। इसके माध्यम से संपत्ति कर संग्रहण, डिमांड में वृद्धि, संंपत्ति सर्वे के काम विश्व बैंक परियोजना के तहत हो सकेंगे। प्रदेश के कुछ निकायों में ये काम शुरुआती दौर में है जबकि प्रदेश के तीन नगर निगमों सहित कुल 46 निकायों में इस काम के लिए एजेंसी तय करने सहमति व 22.26 करोड़ रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। मैपिंग के बाद क्यूआर कोड का काम होगा।

ऑनलाइन शाॅपिंग में ऐसे होगी आसानी

ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान लोगों को अपने घर का पता देना होता है। पता तलाशने में भी कई बार कठिनाई होती है। किसी गड़बड़ी की वजह से पार्सल दूसरे व्यक्ति को भी मिल सकता है लेकिन घर पर अगर क्यूआर कोड लगा है, तो यह सारी परेशानी दूर हो जाएगी। अपने एड्रेस के स्थान पर आप अगर क्यूआर कोड देते हैं तो इसे मोबाइल से स्कैन करते ही पता आ जाएगा। यह प्रमाणिक रूप से पता लगेगा कि पार्सल किस घर में पहुंच रहा है।

संपत्तिकर भी मिलेगा पूरा

जानकारों का कहना है कि जीआईएस मैपिंग के माध्यम प्रदेश के हर घर, भवन, प्लाट आदि की जीआईएस मैपिंग की जाएगी। इसके माध्यम से यह जानकारी मिलेगी कि कौन सा घर किस स्थान पर कितना बड़ा बना है। मैप में जो जानकारी आएगी उसके माध्यम से संपत्ति कर का निर्धारण होगा। बताया गया है कि नगरीय क्षेत्रों में बाद में बने मकानों के साथ बाद में किए गए भवन विस्तार का ब्योरा सामने आएगा। इस तरह से संपत्ति कर का निर्धारण पूरी तरह हो सकेगा। यह संभावना भी है कि निकायों को संपत्ति कर पहले से अधिक मिलेगा। जो घर सर्वे से छूट गए हैं वे भी अब शामिल हो सकेंगे।


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