कर्जमाफी के बाद किसानों का पैसा बाजार में आता है तो अर्थव्यवस्था मजबूत होती है : भूपेश
हरिभूमि और आईएनएच (Haribhoomi and INH)के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी (Dr. Himanshu Dwivedi,)ने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि जब आपकी सरकार के पांच साल के कार्यकाल में किसान सशक्त हुए हैं। किसानों के लिए आपने कई क्रांतिकारी कदम उठाएं हैं जो अब फिर कर्जमाफी की जरूरत क्यों?• इस सवाल के जवाब में भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसानों को और मजबूत करने की जरूरत है। पढ़िए पूरी खबर...;
- हरिभूमि और आईएनएच के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से विशेष बातचीत
रायपुर। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh)में अगर फिर से कांग्रेस सरकार(Congress government) बनी तो किसानों की कर्जमाफी की जाएगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने कहा कि जब किसानों (farmers)की कर्ज माफी होगी तो वे मजबूत होंगे। उनका पैसा बाजार में आएगा तो प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। हरिभूमि और आईएनएच (Haribhoomi and INH)के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी (Dr. Himanshu Dwivedi,)ने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि जब आपकी सरकार के पांच साल के कार्यकाल में किसान सशक्त हुए हैं। किसानों के लिए आपने कई क्रांतिकारी कदम उठाएं हैं जो अब फिर कर्जमाफी की जरूरत क्यों?• इस सवाल के जवाब में भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसानों को और मजबूत करने की जरूरत है। अगर किसी उद्योगपति के पास पैसा जाता है तो वह दूसरे देश में निवेश करता है, लेकिन किसानों को दिया गया पैसा हमारे शहरों में ही खर्च होता है। इससे हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। इसलिए हमने वादा किया है कि फिर से कांग्रेस सरकार बनी तो किसानों की कर्ज माफी की जाएगी। बातचीत के चुनिंदा अंश ।
■ सवाल : 2013 से 2018 के बीच संगठन अध्यक्ष प्रमुख के रूप में आपके समक्ष चुनौती रही और अब सत्ता प्रमुख के रूप में जनता के बीच जा रहे हैं। कितना बदलाव महसूस करते हैं?
■ जवाब : चुनौती उस समय भी थी, अब भी है। पहले ये था संगठन के अध्यक्ष के रूप में लोगों के साथ काम करना और विश्वास जीतना । उस समय संघर्ष करके लोगों के लिए विश्वास जीतना था। अब लोगों के लिए काम करके विश्वास जीतना, ये अंतर है। मेहनत दोनों में है। बिना मेहनत के कुछ नहीं होता है।
■ सवाल : आप भरोसे की बात करते हैं, लेकिन भरोसे के संदर्भ में जो फैसले लिए हैं वो सवालों के घेरे में है। जनता ने आपकी बात पर भरोसा किया। नीतियों पर भरोसा किया, लेकिन 22 को (विधायकों) जनता के पास जाने से पहले ही घर पर बैठा दिया है। ऐसा क्यों किया?
■ जवाब : ये कोई अकेले फैसला नहीं होता है और इसमें पार्टी संगठन, सर्वे रिपोर्ट महत्वपूर्ण होती हैं। ऐसा नहीं है कि जिनके टिकट कटे हैं, वे हमेशा के लिए उनका काम समाप्त हो गया है। अभी जिन विधायकों के टिकट कटे हैं वे सक्रियता से काम कर रहे हैं। उनको जिम्मेदारी दी गई है। उनको पता है सत्ता में आएंगे तो हमको काम करने का मौका मिलेगा।
■ सवाल : भूपेश जी मूलतः संगठन के व्यक्ति हैं, इस बदलाव के पीछे क्या है? क्या वजह महसूस करते हैं, सर्वे रिपोर्ट है। ये बदलाव हमने इसलिए किया, कैसे आप लोगों को कनवींस कर रहे हैं कि फैसला इसलिए है।
■ जवाब : कुछ ऐसे विधायक थे जिनसे उनके साथी नाराज थे, कुछ ऐसे विधायक थे जिनसे क्षेत्र की जनता नाराज थी। सर्वे में सामने आता है, इसलिए ये फैसले लिए गए।
■ सवाल : पर इस बदलाव से आपको समस्या का सामना है या उत्साह दिख रहा है।
■ जवाब : उत्साह तो सब तरफ है। समस्याएं थोड़ी बहुत आती हैं जिसकी टिकट कटी है, उनके साथ के लोग हैं, उनको थोड़ी परेशानी तो है।
■ सवाल : कांग्रेस के बारे में कहा जाता है उसे कांग्रेसी ही हराते हैं, जिनके टिकट कटे हैं वे जड़ों में मठा न डाले, पानी डाले इसके लिए क्या व्यवस्था है।
■ जवाब : इसका जवाब मैं पहले ही दे चुका हूं, जिनके टिकट कटे हैं उन्हें काम पर लगा दिया गया है।
■ सवाल : दूसरी पार्टियों को आप को कैसे देख रहे हैं, तीसरे दलों की क्या भूमिका देख रहे हैं।
■ जवाब : 2003-2018 का आपने उदाहरण दिया। 2003 में विद्याचरण जी थे,50 साल का उनका अनुभव था, बड़े कद के नेता थे, उन्होंने बगावत की। इसका फायदा भारतीय जनता पार्टी को मिला। 2018 मे जोगी जी पूर्व मुख्यमंत्री मॉस लीडर थे, उस चुनाव में उनकी पार्टी पांच सीटें जीती थी। जोगी जी मंझे हुए थे, बसपा से गठबंधन किया, भारतीय जनता पार्टी से अंदर से मदद ली। लेकिन इन पांच वर्षों दो उप चुनाव मरवाही, खैरागढ़ हुए। इनमें जोगी कांग्रेस हारी । उनके विधायक भी दूसरी पार्टी में चले गए। अब जोगी जी वाली बात अब रही नहीं। अब जितनी भी पार्टियां उनके कैंडिडेट है सब कांग्रेस का वोट काटना चाहते हैं। हमर राज हो, बसपा, जोगी कांग्रेस पहले से लगी है। लेकिन जनता अब राजनीति की बारीकी को समझने लग गई है। मैंने मुंगेली की सभा में भी कहा वोट कटुआ लोग खड़े हो रहे हैं। नाराजों को खड़ा किया जा है। जनता ही कह रही है कि उसकी चिंता मत करिए। ये कितनी भी कोशिश कर लें, सफलता इन्हें नहीं मिलने वाली है। भाजपा तमाम कोशिश कर रही है। उन्हें संसाधन दे रही है। नाराज को खड़े किया जर कांस के वोट काटे जाएं।
■सवाल : राजनेता के रूप में सवाल आपसे कि फील्ड रणनीति की जमावट कैसे कर रहे हैं।
■ जवाब : वो जमावट की जरूरत ही नहीं है। जमाने की जरूरत तब होती है जब आपकी ताकत कम हो । तोसामने वाली की ताकत कम करो। अभी वो लड़ाई नहीं है। पार्टी तो लड़ रही है। किसान चाहते हैं कांग्रेस की सरकार बने। अभी जो हमने घोषणाएं की आवास योजना गरीबों के, ऋण माफी, अभी जो राहुल जी ने घोषणा की केजी टू पीजी । जितने गर्वमेंट कॉलेज है, उसमें एडमिशन शुल्क ट्यूशन फीस माफ। इसमें यूथ लोगों के लिए, खास कर टेक्टनीकल एजुकेशन हो, उसकी फीस अधिक होती है। ये फीस माता पिता के लिए मुश्किल होती है। किसान हो मजदूर हो सभी लोग चाहेंगे की कांग्रेस की सरकार आए। अब जो लड़ाई है कांग्रेस के कार्यकर्ता नहीं, छात्र हैं, उनके माता पिता है। ये सब हमारी लड़ाई लड़ेंगे। तो बहुत बड़ी फौज हमारे साथ है।
■ सवाल : पांच साल सरकार के रूप में आपने ऐसे कौन से काम किए है जिससे बहुत ज्यादा संतोष दे रहे हैं।
■ जवाब : सबसे बड़ी बात है लोगों की आर्थिक दशा में सुधार आया है। दूसरी बात एजुकेशन | स्वामी आत्मानंद स्कूल जो हमने लोगों ने खोला है। जनता का बहुत आशीर्वाद मिला है। वो बहुत अद्भुत है, हम लोग इसकी कल्पना नहीं कर सकते थे। गरीब से गरीब महिलाएं बोलती है। पहले हम लोग शहर आते थे, तो हीन भावना से ग्रसित हो जाते थे, अब हम लोग शहर आते हैं तो धडल्ले से छत्तीसगढ़ी बोलते हैं। ये छत्तीसगढ़िया प्राइड है।
■ सवाल : एक आर्थिक स्थिति सुधारी और छत्तीसगढ़ी गौरव का आभास लोगों में आया। लेकिन जो आर्थिक स्थिति है उसे तो भाजपा निशाने पर लेती है। पांच साल के कार्यकाल में अनियमिततता रही, भ्रष्टाचार रहा। केंद्रीय एजेंसियों को अपने ठिकाने यहीं बनाने पड़े। क्योंकि इतना ज्यादा करप्शन हुआ है। कहां कहां जाएं।
■ जवाब : गली मोहल्ले में.. पिछली सरकार को भी आपने देखा है। उसकी क्या योजनाएं थी, टिफिन बांटो, चरण पादुका, मोबाईल बांटो, राशन कार्ड बनाओ, काटो। यही चलता रहा। हमारी सरकार में इस प्रकार का काम नहीं हुआ। बटन दबाओं सीधा प्रकार का काम नहीं हुआ। बटन दबाओं सीधा खाते में पैसा ट्रांसफर होता है। गौ पालक, वर्मी कंपोस्ट बनाने वाले किसान है उनके खाते में, बेरोजगार है उसके खाते में पैसा । कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ रहे हैं। भ्रष्टाचार का सवाल ही नहीं उठता है। कोई जूता चप्पल खरीद रहे, टिफिन मोबाईल खरीद रहे है जिसमें कमीशन होता है। पहले ये होता था कि एग्रीकल्चर में कोई पार्ट खरीद रहे हैं तो चिन्हित दुकान से खरीदना होता था। अभी सब्सिडी मिलती है। आप अपनी पसंद से कोई भी दुकान से खरीदो। इसमें कमीशन की बात ही कहा। ये लोग जो आरोप लगाते हैं लिकर की बात है, उसकी पॉलिसी तो आपने बनाई उसके लिए आप जिम्मेदार हो । कोयला की बात करें तो कोयला तो आपका है। पूरे जो खदान सेंट्रल गर्वमेंट की है। उसके एक सुरक्षा अधिकारी से भी तो पूछताछ नहीं किए। आपका उद्देश्य मेलाफाईड है। सरकार को बदनाम करने का। अपनी लकीर को बड़ा नहीं कर रहे हैं। हमारी लकीर को छोटा करने का प्रयास कर रहे हैं। बदनाम करके सरकार को अपदस्थ करना चाहते हैं। लेकिन जनता बेहतर जानती है।
■ सवाल: आपने लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया, कर्जमाफी तो पिछली बार आप शपथ लेने के बाद ही कर दी थी, इस चुनाव में कर्ज माफी का ऐलान क्यों करनी पड़ रही है। जब लोगों की आर्थिक स्थिति सशक्त हो गई, किसानों के लिए आपने क्रांतिकारी कदम उठाएं हैं, ये महसूस भी होता है। किसान को कर्ज क्यों लेना पड़ रहा है।
■ जवाब : कर्जमाफी इसलिए कि किसान और मजबूत हों। किसान के पास पैसा है तो मजदूर को ज्यादा मजदूरी देता है। किसान के पास पैसा है तो शहर में आकर सामान खरीदता है। व्यापार चलता है। वो पैसा घर में नहीं रखता है। बड़े उद्योगपति को आप पैसा देंगे तो वो दूसके देश में निवेश करेगा। किसान को पैसा देंगे तो वो खेत के काम कराएगा। घर बनाएगा। घर के सामान खरीदेगा। बहू बेटी के लिए जेवर खरीदेगा। किसानो को पैसा मिलेगा तो हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। देखिए वीडियो -