इम्युनिटी दवाओं की बिगड़ी तबीयत, दस करोड़ से बिक्री घटकर डेढ़ करोड़

कोरोना पीक के दौरान खुद को सुरक्षित रखने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवा का करोबार पांच माह बाद सामान्य स्थिति में आ गया है। अगस्त-सितंबर में इन दवाओं की खपत प्रदेश में जहां दस करोड़ तक पहुंच गई थी, वह घटकर एक से डेढ़ करोड़ तक पहुंच गई है। दवाओं के साथ वायरस को दूर रखने के लिए उपयोग किए जाने वाले मास्क और सेनेटाइजर की बिक्री भी ना के बराबर हो चुकी है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के खतरनाक दौर में दवा बाजार को छोड़कर बाकी सभी कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ था।;

Update: 2021-02-07 08:28 GMT

रायपुर. कोरोना पीक के दौरान खुद को सुरक्षित रखने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवा का करोबार पांच माह बाद सामान्य स्थिति में आ गया है। अगस्त-सितंबर में इन दवाओं की खपत प्रदेश में जहां दस करोड़ तक पहुंच गई थी, वह घटकर एक से डेढ़ करोड़ तक पहुंच गई है। दवाओं के साथ वायरस को दूर रखने के लिए उपयोग किए जाने वाले मास्क और सेनेटाइजर की बिक्री भी ना के बराबर हो चुकी है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के खतरनाक दौर में दवा बाजार को छोड़कर बाकी सभी कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ था।

संक्रमण से बचाव के लिए विभिन्न तरह के इम्युनिटी बूस्टर दवा बाजार में आ चुके थे और इसकी बिक्री में हाथों-हाथ हो रही थी। उस दौरान विटामिन सी, जिंक की टेबलेट, विटामिन बी कांपलेक्स, मल्टी विटामिन, हाइड्राक्सी क्लोरोक्वीन, इंजियो थ्रो माइसिन, पैरा सीटामाल, कैल्शियम सहित विभिन्न तरह की दवाओं की मांग इतनी अधिक थी कि दवा दुकानों में इसके लाले पड़ने लगे थे और दवा बाजार में इन दवाओं की बिक्री एक ही दिन में लाखों तक पहुंच चुकी थी। अब स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है और दवा का कारोबार सामान्य स्थिति में पहुंच चुका है। इम्युनिटी वाली दवा की बिक्री सामान्य हो चुकी है और अब दवा दुकानों में इनके ग्राहक दिन में एकाध ही पहुंच रहे हैं। कोरोना से बचाव के लिए सेनेटाइजर के उपयोग पर जोर दिए जाने की वजह से विभिन्न कंपनियों के सेनेटाजर बाजार में आ गए थे और सर्जरी के साथ एन-95 मास्क की बिक्री के लिए शासन को दर निर्धारित करनी पड़ गई थी, मगर अब इनकी मांग भी 80 फीसदी तक घट चुकी है।

खत्म हुआ डर

पिछले तीन माह से प्रदेश में कोरोना संक्रमण का मामला भी कम हो चुका है। रोजाना चार सौ से कम केस सामने आने की वजह से लोग यह मान रहे हैं कि यह अंतिम दौर में आ चुका है और अब प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवाओं की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना से बचाव का वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। आम लोग भी यह समझ चुके हैं, आने वाले दिनों में वैक्सीन उन तक भी पहुंच जाएगा।

कई ने मुड़कर नहीं देखा

कोरोना के पीक के दौरान खाद्य एवं औषधि विभाग के पास केवल रायपुर जिले में ही करीब सौ लोगों ने सेनेटाइजर बनाने के लिए लाइसेंस लेने आवेदन किया था। इनमें सें करीब दस लोगों ने आगे की प्रक्रिया पूरी की, मगर कोरोना के केस कम होने की वजह से बाकी लोगों ने अपने हाथ पीछे खींच लिए। विभागीय सूत्रों के मुताबिक इन आवेदकों द्वारा दिलचस्पी नहीं लिए जाने की वजह से आगे किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई।

दवा कारोबारियों की राय

इम्युनिटी बढ़ाने वाली दवाओं का कारोबार अब काफी कम हो गया है। इसकी डिमांड अब घटकर दो से तीन फीसदी तक पहुंच चुका है।

- ठाकुर राजेश्वर सिंह, अध्यक्ष, रायपुर जिला दवा विक्रेता संघ

दवा कारोबार अब नार्मल स्थिति में आ चुका है। कोरोना पीक टाइम में प्रतिरोधक दवाओं की बिक्री दस फीसदी तक बढ़ गया था जो सामान्य हो चुका है।

- विनय कृपलानी, अध्यक्ष, जिला दवा विक्रेता संघ

शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने वाले फार्मूले की सारी दवाओं की मांग घट चुकी है। सेनेटाइजर और मास्क की डिमांड भी काफी कम हो चुकी है।

- लोकेश साहू, सचिव, जिला दवा विक्रेता संघ

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