पौने तीन करोड़ की लागत से छत्तीसगढ़ में खुलेंगे दो इन्क्यूबेशन सेंटर
केंद्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्रालय खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने तथा कच्चे माल को सुरक्षित रखने देश में 11 इन्क्यूबेशन सेंटर खोलने जा रही है। इनमें खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय रायपुर तथा जगदलपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में सेंटर खोले जाएंगे। साथ ही पुरानी इकाइयों का सुदृढ़ीकरण तथा विस्तार किया जाएगा।;
केंद्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्रालय खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने तथा कच्चे माल को सुरक्षित रखने देश में 11 इन्क्यूबेशन सेंटर खोलने जा रही है। इनमें खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय रायपुर तथा जगदलपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में सेंटर खोले जाएंगे। साथ ही पुरानी इकाइयों का सुदृढ़ीकरण तथा विस्तार किया जाएगा।
केंद्र सरकार की इस योजना के तहत रायपुर और जगदलपुर में खोले जा रहे इन्क्यूबेशन सेंटर में खाद्य प्रसंस्करण में रुचि रखने वाले छोटे व्यवसायी तथा उद्यमी अपने कच्चे माल को सुरक्षित रख सकते हैं। उन्हें सभी तरह की अधोसंरचनाएं तथा खाद्य प्रसंस्करण करने मदद की जाएगी। इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित करने पौने तीन करोड़ रुपए केंद्र सरकार देगी।
सेंटर में ये उत्पाद होंगे तैयार
खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय रायपुर में स्थापित होने वाले इन्क्यूबेशन सेंटर में जैम, जैली, बेक्रेजेस, चावल तथा लघु वनोपजों के प्रसंस्कृत उत्पाद, मछली एवं दुग्ध उत्पाद तैयार किए जाएंगे। इसी तरह से कृषि विज्ञान केंद्र जगदलपुर में स्थापित होने वाले इन्क्यूबेशन सेंटर में काजू, इमली, मसाला फसलों तथा लघु वनोपजों के प्रसंस्कृत उत्पाद तैयार किए जाएंगे। इन्क्यूबेशन सेंटर पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत संचालित किए जाएंगे।
मिलेगा 35 प्रतिशत अनुदान
इस परियोजना के अंतर्गत नई खाद्य प्रसंस्करण इकाई की स्थापना अथवा पूर्व से संचालित खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों के विस्तार के लिए भारत सरकार द्वारा लागत का 35 प्रतिशत (अधिकतम 10 लाख रुपए) राशि का अनुदान दिया जा रहा है। राज्य में इस परियोजना के क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार द्वारा राज्य स्तरीय तकनीकी संस्था के रूप में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय का चयन किया है। प्रसंस्करण उद्योग लगाने वाले उद्यमी को परियोजना लागत की 10 प्रतिशत राशि लगानी होगी। शेष राशि बैंक लोन के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी।
28 जिलों में 28 उत्पादों का चयन
केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ के सभी 28 जिलों के लिए एक-एक उत्पाद का चयन किया गया है। इनमें चावल के प्रसंस्कृत उत्पाद, फलों एवं सब्जियों के प्रसंस्कृत उत्पाद (आम, पपीता, टमाटर, सीताफल, काजू, लीची), लघु वनोपज, मसाला फसलों के प्रसंस्कृत उत्पाद (अदरक, हल्दी, इमली, कोदो, कुटकी), चाय, गुड़, मछली एवं डेयरी उत्पाद शामिल हैं।