गांव में भरा इंद्रावती का पानी तो 30 परिवारों ने ली पहाड़ा की शरण : जो सामान हाथ लगा लेकर चढ़ गए पहाड़ों पर, कई ग्रामीण पड़े बीमार
जीवनदायिनी कही जाने वाली इंद्रावती नदी उफान पर है। नदी के उफान पर आने से जिले का कांडला गांव में तबाही मच गई है। पूरा गांव पानी में डूब गया है। इसके चलते गांव के करीब 30 परिवार ने जान बचाने पहाड़ी में डेरा डाला है। कई ग्रामीण बीमार भी हो गए हैं। इनके पास न तो खाने के लिए दाना बचा है और न ही दवाइयां।;
बीजापुर। बीजापुर जिले में बारिश लगातार कहर बरपा रही है। बस्तर में जीवनदायिनी कही जाने वाली इंद्रावती नदी उफान पर है। नदी के उफान पर आने से जिले का कांडला गांव में तबाही मच गई है। पूरा गांव पानी में डूब गया है। इसके चलते गांव के करीब 30 परिवार ने जान बचाने पहाड़ी में डेरा डाला है। कई ग्रामीण बीमार भी हो गए हैं। इनके पास न तो खाने के लिए दाना बचा है और न ही दवाइयां। पिछले 3 दिनों से 100 से ज्यादा ग्रामीण पहाड़ी पर तंबू गाड़ बैठे हुए हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि, क्षेत्र में लगातार बारिश हो रही थी। नदी का पानी बढ़ता जा रहा था। लेकिन, ये उम्मीद नहीं थी कि कुछ ही घंटों में पानी गांव को डूबा लेगा। हालांकि, जब 1 फीट से ज्यादा पानी भरने लगा तभी गांव के 30 परिवार के लोग इकट्ठा हुए, और जितना जो हाथ में आया लेकर घर से निकलने का निर्णय लिया। नदी उफान पर थी, पार कर शहरी इलाकों की तरफ जाना संभव नहीं था। जिसके बाद जिसको थोड़ा बहुत जो सामान मिला लेकर यहा आ गए। ग्रामीणों ने बताया कि, पिछले साल की तुलना में इस बार कुछ ज्यादा बारिश हुई है। इसी वजह से हालात बेकाबू हो गए हैं।
प्रशासन को दी जानकारी- बोट लेकर पहुंचे अफसर
कुछ ग्रामीणों ने अपने साथ मोबाइल फोन रखे हुए थे। जैसे-तेसे नेटवर्क की तलाश कर दूसरे गांव में रह रहे रिश्तेदारों को पहाड़ी में फंसे होने की जानकारी दी। फिर किसी तरह से जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों तक खबर पहुंची। सूचना मिलते ही क्षेत्रीय विधायक विक्रम मंडावी और कलेक्टर राजेंद्र कटारा ट्रैक्टर के सहारे नदी किनारे पहुंचे। जिसके बाद मोटर बोट के सहारे नदी पार किया। विधायक-कलेक्टर के पहुंचने पर ग्रामीणों को थोड़ी उम्मीद बंधी, इन्हें मौके पर तिरपाल, राशन, जरूरी दवाइयों दी गईं। दो ग्रामीण मौके पर ज्यादा बीमार मिले, जिन्हें अपने साथ लेकर गए। मरीजों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।