विभागीय अधिकारियों ने उपभोक्ताओं के मीटरों की जाँच, बिजली चोरी के मामले आये सामने

प्रदेश के हर वर्ग के बिजली उपभोक्ताओं के मीटरों की जांच छत्तीसगढ़ राज्य पाॅवर कंपनी ने प्रारंभ की है। नियमानुसार तो पांच साल में एक बार मीटरों की जांच होनी चाहिए लेकिन राज्य बनने के 20 साल बाद भी एक बार भी ऐसी जांच नहीं की गई है। अब कंपनी ने जांच का फैसला किया है।;

Update: 2020-12-27 03:26 GMT

प्रदेश के हर वर्ग के बिजली उपभोक्ताओं के मीटरों की जांच छत्तीसगढ़ राज्य पाॅवर कंपनी ने प्रारंभ की है। नियमानुसार तो पांच साल में एक बार मीटरों की जांच होनी चाहिए लेकिन राज्य बनने के 20 साल बाद भी एक बार भी ऐसी जांच नहीं की गई है। अब कंपनी ने जांच का फैसला किया है। इस जांच में थोक में बिजली चोरी के मामले भी सामने आ रहे हैं। राजधानी रायपुर में ही तीन दर्जन मामले अब तक सामने आ चुके हैं। पूरे प्रदेश में चल रही जांच में सैकड़ों मामले पकड़ में आ रहे हैं।

प्रदेश में 55 लाख बिजली उपभोक्ता हैं। इसमें से करीब 48 लाख उपभोक्ता घरेलू हैं। इसके अलावा बाकी उपभोक्ता कृषि, व्यापारिक, निजी संस्थानों के साथ सरकारी विभाग के हैं। सभी के मीटरों काे जांचने का काम किया जा रहा है। मीटरों को जांचने के पीछे कई कारण हैं।

इस जांच में यह देखा जा रहा है कि मीटर कहीं अंदर तो नहीं लगा है। मीटर बाहर लगा है तो उसकी ऊंचाई तो कहीं ज्यादा नहीं है। मीटर से कहीं कोई छेड़छाड़ तो नहीं की गई है। मीटर में डिस्प्ले कौन सा दिख रहा है।

तीन दर्जन चोरी के मामले

राजधानी रायपुर में करीब साढ़े तीन लाख उपभोक्ता हैं। इसमें से तीन लाख घरेलू उपभोक्ता हैं। इन सभी के मीटरों की जांच करने के लिए हर डीसी सेंटर के जेई के साथ दाे लाइनमैन जा रहे हैं। जांच में बिजली चोरी के मामले भी सामने आने लगे हैं। अब तक तीन दर्जन चोरी के मामले सर्किल एक में ही पकड़े गए हैं।

इसके अलावा सर्किल दो और ग्रामीण क्षेत्र में भी बिजली चोरी के मामले पकड़ में आ रहे हैं। पूरे प्रदेश की बात करें तो थोक में मामले सामने आ रहे हैं। पावर कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि अभी मामलों की संख्या बता पाना संभव नहीं है। जब सभी सेंटरों से पूरा डाटा आएगा तभी मालूम हाेगा कि कुल कितने मामले पकड़ में आए हैं।

चोरी के मामले भी आ रहे सामने

राजधानी के बिजली उपभोक्ताओं के मीटरों की जांच चल रही है। इसमें बिजली चोरी के भी कई मामले पकड़ में आ रहे हैं। मार्च तक सभी मीटरों की जांच करने का लक्ष्य रखा गया है।


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