ज्योत्सना महंत ने लोकसभा में उठाया एसईसीएल खदान के भू-विस्थापितों का मुद्दा, केंद्रीय विद्यालयों में एडमिशन के लिए सांसद कोटा 50 विद्यार्थी रखने की मांग

कोरबा लोकसभा क्षेत्र की सांसद ज्योत्सना महंत ने लोकसभा में एसईसीएल खदान के भू-विस्थापितों का मुद्दा उठाया. सांसद ज्योत्सना महंत ने कहा कि खदानों के अनेक भू-विस्थापितों को नौकरी, मुआवजा, पुनर्वास का पिछले 20 सालों से निराकरण लंबित है.;

Update: 2021-12-09 10:29 GMT

रायपुर. कोरबा लोकसभा क्षेत्र की सांसद ज्योत्सना महंत ने लोकसभा में एसईसीएल खदान के भू-विस्थापितों का मुद्दा उठाया. सांसद ज्योत्सना महंत ने कहा कि खदानों के अनेक भू-विस्थापितों को नौकरी, मुआवजा, पुनर्वास का पिछले 20 सालों से निराकरण लंबित है. खदान क्षेत्र और आसपास के सड़कों की हालत काफी दयनीय है. खदान क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है. बांकीमोंगरा में बड़ा अस्पताल होने के बावजूद डॉक्टर, नर्स का नहीं होना, सिटी स्कैन मशीन नहीं होना चिंता का विषय है. बता दें कि 10 हजार खदान कर्मियों के लिए व्यवस्थित स्वास्थ्य सेवाएं नहीं है.



10 बच्चों के एडमिशन का कोटा बढ़ाकर 50 किया जाए

छत्तीसगढ़ की कोरबा लोकसभा सांसद ज्योत्स्ना चरणदास महंत ने बच्चों की शिक्षा के लिए सदन में मांग रखी है. संसद की कार्यवाही में भाग लेते हुए सांसद महंत ने कहा कि सांसदों को केंद्रीय विद्यालय में 10 बच्चों को एडमिशन दिलाने का कोटा है. हमारा संसदीय क्षेत्र 8 विधानसभा से भी ज्यादा विधानसभा वाला होता है. अभी इस वक्त केंद्रीय मंत्री के माध्यम से हम लोग बच्चों का एडमिशन करा देते थे, जो इस वर्ष नहीं हुआ है. इस विषय में मेरे द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र दिया गया था जिसका जवाब मिला है. सांसद ज्योत्स्ना महंत ने सरकार से आग्रह किया है कि या तो केंद्रीय मंत्रियों का कोटा पूर्ववत किया जाए या फिर सांसदों को दिया गया 10 बच्चों के एडमिशन का कोटा बढ़ाकर 50 किया जाए. ताकि बच्चों का भविष्य उनकी शिक्षा के लिए सुरक्षित किया जा सके. सांसद के इस प्रस्ताव का उपस्थित सभी सांसदों ने मेज थपथपाकर स्वागत किया.



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