फिर रायपुर पहुंचे कालीचरण महाराज : कोर्ट में पेश हुए... आगे बढ़ी तारीख... अब कब होंगे पेश, पढ़िए...
पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित एक धर्म संसद में कालीचरण महाराज ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था। .... पढ़िए पूरी खबर;
रायपुर। धर्म संसद में महात्मा गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले कालीचरण महाराज शुक्रवार को रायपुर की अदालत में पेश हुए। वे डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में सीजेएम भूपेंद्र वासनीकर की बेंच में उपस्थित हुए। कालीचरण महाराज की पेशी 11 नवंबर तक के लिए आगे बढ़ी दी गई है। कालीचरण महाराज पर केस राजधानी रायपुर में पिछले दस महीनों से चल रहा है।
विदित हो कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित एक धर्म संसद में पिछले वर्ष 26 दिसंबर को अकोला (महाराष्ट्र) निवासी कालीचरण महाराज ने भाषण के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था। इसके बाद कालीचरण महाराज के खिलाफ रायपुर के टिकरापारा थाने में देशद्रोह की धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया था। इस घटना के बाद से कालीचरण महाराज फरार हो गया था। रायपुर पुलिस ने कालीचरण महाराज के लिए महाराष्ट्र के अकोला समेत कई जगहों पर छापेमारी की थी, लेकिन वहां वे नहीं मिले। बाद में 30 दिसंबर को छत्तीसगढ़ की पुलिस ने उन्हें मध्यप्रदेश के खजुराहो से गिरफ्तार किया था। निचली अदालत से जमानत याचिका ख़ारिज होने के बाद कालीचरण महाराज के अधिवक्ता किशोर भादुड़ी और मेहल जेठानी ने उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दाखिल की थी, जहां से उन्हें सर्शत जमानत मिली थी।
धर्म संसद में नाथूराम गोडसे को साष्टांग प्रणाम किया था
गौरतलब धर्म संसद में महात्मा गांधी पर संत कालीचरण महाराज ने अपमानजनक टिप्पणी करते हुए उन्हें मारने वाले नाथूराम गोडसे को साष्टांग प्रणाम किया था। इस मामले को लेकर पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने सिविल लाइन और रायपुर निगम के सभापति प्रमोद दुबे ने टिकरापारा थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी।
वीडियो में अपनी टिप्पणी को सही बताया था
कालीचरण महाराज ने रायपुर में मामला दर्ज होने के बाद एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उन्होंने अपनी टिप्पणियों को सही बताया था। वीडियो में कालीचरण महाराज ने कहा था, गांधी के बारे में अपशब्द बोलने के लिए मेरे खिलाफ प्राथमिकी हुई है, मुझे उसका कोई पश्चाताप नहीं है। उन्होंने कहा मैं गांधी को राष्ट्रपिता नहीं मानता हूं। यदि सच बोलने की सजा मृत्यु है तो वह स्वीकार है।