खून के आंसू रुला रहा "लाल पानी" : कलेक्ट्रेट पहुंचे ग्रामीण, बोले-सर्वे कराएं, हर परिवार में एक सरकारी नौकरी दें...
किरंदुल से निकलने वाला लाल पानी बीजापुर जिले के लगभग 30 से अधिक गांवों से होकर गुजरता है। इसके कारण आदिवासियों के फसल को तो नुकसान होता ही है, साथ में मवेशी भी पानी पीकर मारे जाते हैं। यही नहीं ग्रामीणों के पीने के पानी में भी लोहयुक्त पानी की मात्रा ज्यादा है, जिससे वे बीमार हो रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर...;
गणेश मिश्रा/बीजापुर। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में स्थित किरंदुल के एनएमडीसी प्लांट से निकलने वाले लाल पानी को लेकर किरंदुल में हुए आंदोलन के बाद उसकी आग अब बीजापुर तक पहुंच चुकी है। इस मामले में मूलवासी बचाओ मंच से 12 सदस्यीय टीम शुक्रवार को अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्टर से मिलने बीजापुर पहुंची थी। आदिवासियों का कहना था कि अगर प्रशासन उनकी मांगों को पूर्ण नहीं करती है तो वो मजबूरन आंदोलन के लिए बाध्य हो जाएंगे।
लोहयुक्त पानी पीने से हो रहे बीमार
12 सदस्यीय दल का नेतृत्व कर रहे बादल मुखर्जी का कहना है कि किरंदुल से निकलने वाला लाल पानी बीजापुर जिले के लगभग 30 से अधिक गांवों से होकर गुजरता है। इसके कारण आदिवासियों के फसल को तो नुकसान होता ही है, साथ में मवेशी भी पानी पीकर मारे जाते हैं। यही नहीं ग्रामीणों के पीने के पानी में भी लोहयुक्त पानी की मात्रा ज्यादा है, जिससे वे बीमार हो रहे हैं। देखिए वीडियो-
मांगे पूरी ना होने पर आंदोलन की चेतावनी
बादल मुखर्जी ने कहा कि प्रशासन से मांग है कि वो एक प्रशासनिक अमला भेजकर सबसे पहले लाल पानी से प्रभावित गांव और क्षेत्र का सर्वे करवाएं। उसके आधार पर प्रभावित आदिवासियों का आधार कार्ड और मतदाता परिचय पत्र बनवाकर उन्हें उचित मुआवजा के साथ एक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान करें। चाहे प्रभावित किसी भी वर्ग का हो, अगर प्रसासन ऐसा नहीं करती है, तो उन्हें मजबूरन आंदोलन करने को बाध्य होना पड़ेगा। क्योंकि इसके पहले भी कई दफा आवेदन दिया जा चुका है, पर आज तक इस गंभीर मसले पर शासन ने गंभीरता नहीं दिखाई है। देखिए वीडियो-