लुचकी घाट जाम : दो ट्रक आमने-सामने फंसे, राष्ट्रीय राजमार्ग में 3 किमी तक लगी ट्रकों की लंबी लाइन

लुचकी घाट में दो ट्रक के आमने-सामने फंसने और खराब होने से राष्ट्रीय राजमार्ग 43 रात दस बजे से जाम है। यहां सैकड़ों ट्रकों की लंबी लाइन 3 किलोमीटर तक लगी हुई है। वहीं आवागमन करने लोगों को बड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। पढ़िए पूरी खबर...;

Update: 2023-04-22 07:37 GMT

आशीष कुमार गुप्ता-अम्बिकापुर/सेदम। छत्तीसगढ के सरगुजा जिले के अम्बिकापुर से पत्थलगांव राष्ट्रीय राजमार्ग 43 स्थित लुचकी घाट आम लोगों के लिए परेशानीयों का सबब बना हुआ है। यहां आए दिन जाम की स्थिति निर्मित होते रहती है। यहां शुक्रवार रात दस बजे से जाम लगी हुई है। वहीं ट्रकों की 3 किलोमीटर लंबी लाइन रात से लगी हुई है, जबकी यात्री बसें और चार चक्का वाहन भी जाम में फंसे रहे। यहां भूखे-प्यासे यात्रियों समेत ट्रक ड्राइवर खाने-पीने को तरस गए।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, अम्बिकापुर से जेसीबी लोडकर जशपुर कुनकुरी जा रही ट्रक क्रमांक सीजी 15 एसी 1118 जैसे ही लुचकी घाट की खराब सड़क में चढ़ने की कोशिश की गाड़ी पीछे वापस आ गया और मुख्य लुचकी घाट चढ़ाई में ही पलटने के कगार में खड़ा हो गया। इससे वाहनों को आने-जाने में परेशानी होने लगी थी। इसी दौरान रायगढ़ से इलाहाबाद जा रही सरिया लोड ट्रक क्रमांक युपी 70 जीटी 4067 के ड्राइवर फैयाज लुचकी घाट उतरने पर ट्रक का सापट (एक्सल) टूट गया। इससे सरिया लोड ट्रक पहले से खराब पड़ी जेसीबी लोड ट्रक से टकराते-टकराते बच गई और दोनों ट्रक आमने-सामने खड़ी हो गई। इससे राष्ट्रीय राजमार्ग में लम्बा जाम लग गया है।

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मुख्य घाट में बड़े-बड़े गड्ढे

गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 43 स्थित लुचकी घाट पिछले 6 वर्षों से लगातार घाट का चढ़ाई और खराब सड़क लोगों के लिए परेशानी का मुख्य कारण है। यहां कई बार बड़ी वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो चुकी है। फिर भी एनएच के जिम्मेदार अधिकारी निर्माण कार्य प्रगति पर है का हवाला देकर मरम्मत कराने से पीछे भाग रही है। इससे घाट की मरम्मत नहीं होने से मुख्य घाट में बड़े-बड़े गड्ढे और धुल से सराबोर है। यहां हर रोज बाइक सवार और बड़ी वाहन दुर्घटनाग्रस्त होते रहते हैं।

3 साल से बन रहा है फ्लाई ओवर ब्रिज

सड़क निर्माण कंपनी टीबीसीएल की धीमी निर्माण कार्य भी लुचकी घाट के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है। पिछले 3 वर्षों से बन रहा फ्लाई ओवर ब्रिज का निर्माण अब तक पूरा नहीं हुआ है। सरगुजा कलेकटर भी राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने तक जर्जर सड़क और लुचकी घाट की मरम्मत के लिए पहल कर चुके हैं, लेकिन एनएच के अधिकारी मरम्मत का जोखिम नहीं उठा रहे हैं। इनकी लापरवाही से दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है। अब सड़क की स्थिति भगवान भरोसे अटका पड़ा है। 

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