छत्तीसगढ़ में वंदेभारत एक्सप्रेस का परिचालन शुरू, शरारती तत्वों ने तीन कोच की खिड़कियों को तोड़ा

नागपुर से बिलासपुर के बीच चलने वाली वंदेभारत एक्सप्रेस का परिचालन शुरू हुए एक माह भी पूरा नहीं हुआ है, लेकिन इस विश्वस्तरीय ट्रेन की हालत खराब होने लगी है। 714 किलाेमीटर के अंदर आने वाले स्टेशन के बीच कुछ शरारती तत्वों ने पथराव कर तीन कोच के खिड़कियों के कांच क्षतिग्रस्त कर दिए हैं।;

Update: 2023-01-08 02:05 GMT

बिलासपुर। नागपुर से बिलासपुर के बीच चलने वाली वंदेभारत एक्सप्रेस का परिचालन शुरू हुए एक माह भी पूरा नहीं हुआ है, लेकिन इस विश्वस्तरीय ट्रेन की हालत खराब होने लगी है। 714 किलाेमीटर के अंदर आने वाले स्टेशन के बीच कुछ शरारती तत्वों ने पथराव कर तीन कोच के खिड़कियों के कांच क्षतिग्रस्त कर दिए हैं। बाहर  से खराब दिखने के बावजूद रेल अफसरों के आदेश पर खिड़कियों को बदलने के बजाय उसमें चमकीला पेपर लगा दिया गया है। स्टाफ सफाई को लेकर बेहद सतर्क है, तत्काल सफाई कर रहा है। इसके बाद भी चमचमाते कोच के बाहर गंदगी नजर आती है।

मध्य भारत की पहली ट्रेन वंदेभारत की शुरुआत 11 दिसम्बर 2022 को नागपुर से हुई। शनिवार को छोड़ सप्ताह में 6 दिन वंदेभारत का परिचालन बिलासपुर-नागपुर के बीच हो रहा है। इस लक्जरी ट्रेन के चलने से यात्रियों को नई सुविधा तो मिली है, परन्तु कई समस्याएं भी सामने आ रही हैं। इस ट्रेन का परिचालन आरंभ होते ही नागपुर से बिलासपुर के बीच आने वाले छोटे स्टेशनों में पथराव कर वंदेभारत एक्सप्रेस के तीन कोच सी 1, सी 11 और 13 के खिड़कियों के कांच क्षतिग्रस्त कर दिए गए। पथराव के बाद ट्रेन प्रतिदिन बिलासपुर कोचिंग डिपो में मेंटनेंस के लिए पहुंच रही है, जहां अफसरों से लेकर स्टाफ तक का ध्यान क्षतिग्रस्त हुए खिड़कियों के कांच पर पड़ने के बावजूद उसे चेंज नहीं किया गया है।

चलती ट्रेन में सफाई के बाद भी गंदगी

रेलवे बोर्ड की ट्रेन होने के कारण जोनल और डिवीजन के रेल अफसरों का विशेष ध्यान केवल वंदेभारत एक्सप्रेस पर है। ट्रेन को बिलासपुर से नागपुर और नागपुर से बिलासपुर के बीच समय पर चलाने की कोशिश में सफलता भी मिल रही है, जिसकी वजह से दूसरी यात्री ट्रेनों को छोटे स्टेशन व आउटर में खड़े किया जा रहा है। इस ट्रेन की विशेष बात है कि चलती ट्रेन में सफाई करने के लिए कर्मचारी तत्काल कचरा उठाते हैं। इसके बावजूद प्रसाधन, मुख्य गेट के पास और ट्रेन के बाहर का हिस्सा काफी गंदा दिखाई देता है।

सामान नहीं है कोचिंग डिपो में

वंदेभारत एक्सप्रेस को रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में 100 करोड़ रुपए की लागत से 18 माह के अंदर तैयार किया गया है। ट्रेन के कोच को बिलासपुर पहुंचाने के दौरान इसके लिए विशेष रूप से कपूरथला से स्टाफ भी पहुंचे थे। कोचिंग डिपो में ट्रेन के मेंटनेंस और सफाई की जा रही है, लेकिन इसके सामानों को चेंज करने के लिए अब तक कोई भी उपकरण कपूरथला से प्राप्त नहीं हुए हैं।

सभी कोच में कैमरे से रहती है नजर

वंदेभारत एक्सप्रेस में स्टेनलेस स्टील कार बॉडी के 16 चेयरकार कोच हैं, जिसमें 1128 यात्रियों के सफर करने की क्षमता है। सभी 16 कोच में सफाई के साथ यात्रियों पर निगरानी के लिए चार-चार सीसी कैमरे लगे हुए हैं, जिसका कंट्रोल चालक-परिचालक के पास रहता है। बिलासपुर से नागपुर के बीच चलने वाली वंदेभारत के सभी कोच में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या और गतिविधियों को ट्रेन स्टापेज के उपरांत नोट कर संबंधित अफसरों को दिया जा रहा है।

कोचिंग डिपो में होता है मेंटेनेंस

बिलासपुर-नागपुर के बीच वंदेभारत एक्सप्रेस सप्ताह में 6 दिन परिचालित होती है और एक दिन इसका मेंटनेंस कोचिंग डिपो बिलासपुर में होता है। यह ट्रेन यात्रियों को एक सुखद सफर का अनुभव प्रदान कर रही है।

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