सराफा में 2000 से ज्यादा बाहरी कारीगर, तीन साल से नहीं किया वेरिफिकेशन
सराफा बाजार में दो करोड़ रुपए से ज्यादा कीमती जेवरात चोरी होने के बाद शहर में सुरक्षा इंतजाम एक बार फिर सवालों के घेरे में है। पुलिस के तगड़े गश्त के दावों के बीच चोरी की बड़ी वारदात ने सराफा कारोबारियों की नींद उड़ा दी है। सबसे अहम बात यह सामने आई है कि चोरी का शक एक पुराने नौकर पर है। दिलचस्प यह है कि खुद सराफा कारोबारी को कथित नौकर के बारे में सटीक जानकारी नहीं है। उसके रहने और ताल्लुक रखने वाले शहर के बारे में कोई भी पुख्ता रिकार्ड नहीं है।;
रायपुर. सराफा बाजार में दो करोड़ रुपए से ज्यादा कीमती जेवरात चोरी होने के बाद शहर में सुरक्षा इंतजाम एक बार फिर सवालों के घेरे में है। पुलिस के तगड़े गश्त के दावों के बीच चोरी की बड़ी वारदात ने सराफा कारोबारियों की नींद उड़ा दी है। सबसे अहम बात यह सामने आई है कि चोरी का शक एक पुराने नौकर पर है। दिलचस्प यह है कि खुद सराफा कारोबारी को कथित नौकर के बारे में सटीक जानकारी नहीं है। उसके रहने और ताल्लुक रखने वाले शहर के बारे में कोई भी पुख्ता रिकार्ड नहीं है।
ऐसे में वारदात के बाद पुलिस भी कई बिंदुओं में उलझ गई है। शहर के सराफा बाजार में अरबों रुपये के कारोबार होने के बीच इस तरह की बड़ी लापरवाही सामने आई है। हरिभूमि की पड़ताल में चौंकाने वाली जानकारी यह भी सामने आई है कि बड़े बाजार में बाहर से आकर काम करने वालों का वेरिफिकेशन ही बंद कर दिया गया है। संबंधित थाना पुलिस की ओर से पिछले ढाई से तीन साल के अंदर बाहरी लोगों के जांच की प्रक्रिया में ठीक से एसएस रोल भी जारी नहीं किए गए हैं। कारोबारियों के कहे अनुसार सिर्फ राजधानी में ही कोलकाता, राजस्थान और दूसरे राज्यों से ताल्लुक रखने वाले कम से कम दो हजार कारीगर काम की तलाश में आते हैं। इनकी संख्या और ज्यादा भी हो सकती है, लेकिन इन कारीगरों का कोई वेरिफिकेशन नहीं हो सका है। लॉकडाउन लगने और खुलने के बीच कई नए चेहरे रायपुर में आए हुए हैं। इनकी जांच पड़ताल में नरमी दिखाने की चूक की वजह से एक बड़ी वारदात सामने आई है। बता दें, शहर में पहले भी कर्मचारियों के इशारे पर सराफा शॉप में बड़ी चोरियां खुली हैं।
मासूमों से मंगवाते हैं भीख
पुलिस ने हाल ही में बाहर से आकर भीख मांगने वालों की पड़ताल के लिए अभियान चला रखा है। तेलीबांधा में दो रोज पहले चौक-चौराहों से थाना लाए गए भिखारियों के बीच मालूम हुआ है, बच्चों से कारोबार कराया जा रहा है। बकायदा गिरोह के लोग बच्चों की मासूमियत की आड़ में लोगों से उगाही कर रहे हैं। पहले बाहर से आकर फेरी कारोबार करने या फिर घर-घर जाकर सामान बेचने वालों की भी तस्दीक होती थी।
जांच के लिए एसएस रोल
पुलिस आमातौर पर बाहरी कारीगरों के साथ मुसाफिरों की जांच के लिए दिए गए दस्तावेज के आधार पर संबंधित पते पर एसएस रोल जारी करती है। एसएस रोल संबंधित व्यक्ति के निवास क्षेत्र में थाना पहुंचने पर वहां की पुलिस क्राइम रिकार्ड प्रेषित करती है। रायपुर में यह कार्रवाई लंबे अरसे से नहीं चल रही है। ऐसे में बाहरी लोगों की तस्दीक कर पाना अब मुश्किल हो रहा है।
कारीगरों के जिम्मे बड़ा काम
सराफा बाजार में उतरने वाले कच्चा माल को आकार देने कारीगरों को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जाती है। सराफा बाजार में कई जगह ऐसे भी काम हैं, जहां पर कच्चा सोना लेकर अलग-अलग शॉप के लिए ज्वेलरी बनाई जाती है। सोने के साथ हीरों के टुकड़ों का काम ठेके पर भी सौंपा जाता है। बाहरी चेहरों के हाथ बड़ा जिम्मा सौंपे जाने के बीच उनका वेरीफिकेशन बंद है।
जारी करेंगे लेटर
सराफा कारोबारियों को लेटर जारी कर कारीगरों की जानकारी ली जाएगी। पुलिस समय समय पर बाहरी लोगों की तस्दीक के लिए एसएस रोल जारी करती है। यह वेरिफिकेशन की प्रक्रिया में है।
- लखन पटले, एएसपी सिटी