भाजपा छोड़ने के दूसरे ही दिन नंदकुमार साय कांग्रेस में हुए शामिल

जीवन का बड़ा हिस्सा भाजपा में गुजारने के बाद रविवार को पार्टी से इस्तीफा देने वाले पूर्व सांसद और आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने सोमवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने उन्हें सदस्यता दिलाई।;

Update: 2023-05-01 23:50 GMT

हरिभूमि रायपुर समाचार: जीवन का बड़ा हिस्सा भाजपा में गुजारने के बाद रविवार को पार्टी से इस्तीफा देने वाले पूर्व सांसद और आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने सोमवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने उन्हें सदस्यता दिलाई।इस अवसर पर श्री बघेल ने कहा, आज अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस है और ऐसे समय में जिन्होंने गरीबों और आदिवासियों के लिए संघर्ष किया, ऐसे नंदकुमार ने सोमवार को कांग्रेस की सदस्यता ली है, इसके लिए उन्हें बधाई देता हूं। वह सच्चे आदिवासी नेता हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, नंदकुमार साय का जीवन सादगी भरा है। वे अनाज तो खाते हैं, लेकिन नमक नहीं खाते। पूरा जीवन आदिवासियों की सेवा के लिए संघर्ष किया। गरीबों के लिए लड़ते रहे। हमारी सरकार बनने के बाद आदिवासियों के हित में लिए गए निर्णय पर सार्वजनिक रूप से हमारे कामों की प्रशंसा करते रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, नंदकुमार साय के कांग्रेस में शामिल होने की बातचीत पहले से चल रही थी, लेकिन कल रात में उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने का मन बनाया। उसके बाद उनका पत्र प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा को भेजा, उन्होंने यह जानकारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को दी। फिर उन्होंने कांग्रेस में प्रवेश की अनुमति दी, जिसके बाद प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने सदस्यता दिलाई।

आदिवासी नेता का भाजपा से मोह भंग

कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में नंदकुमार साय के प्रवेश को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ रही। प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने इस दौरान कहा, लंबे समय तक भाजपा में रहे आदिवासी नेता नंदकुमार साय का भाजपा से मोहभंग हो गया। 2003, 2008 और 2013 के चुनाव में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी, पर वे हासिए में रहे। आदिवासियों के दम पर सरकार बनाने वाली भाजपा ने आदिवासियों की उपेक्षा की है। श्री साय के दीर्धकालीन अनुभव का लाभ कांग्रेस पार्टी को मिलेगा। इस दौरान मंत्री मोहम्मद अकबर, प्रेमसाय सिंह टेकाम, अनिला भेड़िया, डॉ. शिव डहरिया, विधायक सत्यनारायण शर्मा, धनेंद्र साहू, पूर्व विधायक गुरुमुख सिंह होरा समेत कांग्रेस के कई नेता मौजूद रहे।

भाजपा अब उस रूप में नहीं

कांग्रेस प्रवेश के बाद नंदकुमार साय ने कहा, ये निर्णय मेरे जीवन का बहुत कठिन निर्णय था। जनसंघ के समय से मैं और मेरे परिवार के लोग भाजपा में रहे। अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और प्रमोद महाजन जैसे लोगों के साथ रहा हूं। मैं अटलजी को फॉलो करता था। अटल, आडवाणी के दौर की जो भाजपा थी, वो अब उस रूप में नहीं है। केंद्र में सरकार है, पर वैसा नहीं है, परिस्थितियां बदल चुकी हैं। आज की तारीख में मैं भाजपा में किसी पद पर नहीं था। मैं एक सामान्य कार्यकर्ता था। भले ही पार्टी में पद नहीं मिलता, लेकिन काम कैसे किया जा सकता है, ये तो पूछा जा सकता था।

भूपेश सरकार की तारीफ

श्री साय ने कहा, छत्तीसगढ़ में छोटे गांव और कस्बे थे। भूपेश सरकार के काम पर मैंने स्टडी की है। छोटे गांव और कस्बे अब शहर बन गए। हम कहते थे देशभर का नाता है, गौ हमारी माता है, लेकिन मुख्यमंत्री ने इसे एक नया स्वरूप दिया है। नरवा, गरुवा, घुरुवा, बाड़ी योजना जनता के लिए कारगर साबित हुई है। भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार अच्छा काम कर रही है। दल महत्व नहीं है, आम जनता से लिए काम करना है। मिलकर काम करेंगे, तो छत्तीसगढ़ अच्छा होगा। प्रिमिटिव ट्राइब्स के लिए शिक्षा और अन्य जरूरतों को सरकार पूरा करेगी, ऐसी आशा है।

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