खाद बनाएगी 54 लाख की मशीन : कंपनी का अता-पता नहीं, दो महीने हो गए आए लेकिन परीक्षण तक नहीं हुआ... अब भुगतान की पूरी तैयारी

गोठान योजना के अंतर्गत नगर पालिका डोंगरगढ़ में 15वें वित्त मद से खाद को तैयार करने वाली मशीन की खरीदी शासन स्तर पर की गई। इसकी लागत लगभग 54 लाख रुपए है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि इस मशीन का कोई ब्रांड नहीं है, ना ही कोई कंपनी। क्या है मामला पढ़िए पूरी खबर...;

Update: 2022-09-07 13:22 GMT

राजा शर्मा/डोंगरगढ़। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर से गोवंशो की उचित देखभाल और गोबर से होने वाली गंदगी को रोकने के उद्देश्य से गोठान योजना प्रारंभ की गई। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सभी पंचायतों में गौठान निर्माण किया गया है, जहां पर गायों को रखकर उनसे होने वाले गोबरों को सरकार की ओर से 2 रुपए प्रति किलो के हिसाब से खरीदी की जा रही है। वहीं शहरी क्षेत्रों में एसएलआरएम सेंटरों के माध्यम से गोबर की खरीदी के साथ साथ जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए गोबर से वर्मी कम्पोस्ट और सुपर खाद का निर्माण किया जा रहा है और सोसायटी में कम दाम में विक्रय किया जा रहा है।

खरीदी गई बिना ब्रांड की मशीन

वहीं मुख्यमंत्री की इस योजना पर डोंगरगढ़ में पानी फेर जा रहा है। यानि इसी गोठान योजना के अंतर्गत नगर पालिका डोंगरगढ़ में 15वें वित्त मद से खाद को तैयार करने वाली मशीन की खरीदी शासन स्तर पर की गई। इसकी लागत लगभग 54 लाख रुपए है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि इस मशीन का कोई ब्रांड नहीं है, ना ही कोई कंपनी। इसके बावजूद इस मशीन की खरीदी की गई, जबकि शासकीय कार्यों में क्रय की जानी वाली हर वस्तु आईएसआई मार्क और कंपनी वाली होनी चाहिए। इन सारी बातों को दरकिनार कर इस बिना ब्रांड की मशीन की खरीदी की गई, जिसे लगभग दो माह हो चुके हैं। इसका अभी तक परीक्षण भी नहीं हुआ है, इसके बावजूद इसका बिल निकालने की तैयारी जोरों पर है।

क्या जारी होगा मशीन का बिल या नहीं

जब हम इस मशीन का अवलोकन करने वार्ड नं 1 स्थित एसएलआरएम सेंटर पहुंचे तो हमने देखा कि मशीन के सारे पुर्जे अलग-अलग रखे हैं। साथ ही किसी भी पुर्जे में कंपनी का नाम नहीं है, केवल मोटर में जिनवाला नाम का उल्लेख है, जो किसी ब्रांड या कंपनी का नाम नहीं लगता। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिस ठेकेदार की ओर से इस मशीन की सप्लाई की गई है, उनकी ओर से खुद इस बात को स्वीकार किया गया है कि यह मशीन उनकी ओर से स्वयं पूना में तैयार की जाती है और प्रदेश स्तर में इसकी सप्लाई की गई है। कुल मिलाकर नगर पालिका डोंगरगढ़ के अधिकारी और संबंधित कर्मचारी, इंजीनियर, ठेकेदार की मिलीभगत से मुख्यमंत्री की योजना पर ग्रहण लगाने का कार्य किया जा रहा है। नगर पालिका अध्यक्ष भी जनता से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या और खाद मशीन के विषय में कुछ भी कहने से इंकार कर रहे हैं। अब देखना यह होगा कि इस बिना ब्रांड की खाद मशीन जिसकी वास्तविक कीमत लगभग 5 से 10 लाख रुपए है, उसका 54 लाख रुपए बिल निकलता है या नहीं।

वार्ड पार्षद ने कहा- मशीन का उपयोग करके देखा जाएगा, फिर भुगतान होगा

इस विषय में जब हमने वार्ड पार्षद शिव निषाद से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में इसका प्रस्ताव दर स्वीकृत के लिए आया था। तब उन्होंने इसका विरोध किया था और कहा था कि अभी हमें इस मशीन की आवश्यकता नहीं है, फिर भी इसे दो माह तक उपयोग करके देखा जाएगा, सही होने पर ही भुगतान किया जाएगा। बता दें कि अधिकारियों को कमीशन खाने की इतनी जल्दी है कि दो माह तक परीक्षण तो दूर उसके पुर्जों को भी अभी तक नहीं जोड़ा गया है और भुगतान की तैयारी पूरी हो गई है। देखिए वीडियो-


खरीदी शासन से होनी है तो भुगतान भी वहीं से हो : अमित छाबड़ा

नेता प्रतिपक्ष अमित छाबड़ा ने इस संबंध में कहा कि कोविड काल में एक पत्रक आया था, शासन से मशीन खरीदी करने का, लेकिन खरीदी शासन से होनी है तो भुगतान भी शासन स्तर पर होना चाहिए नगर पालिका क्यों करे। श्री छाबड़ा ने कहा कि मशीन विक्रेता ने स्वयं इस बात को कबूल किया है कि बिना ब्रांड की मशीन सप्लाई की गई है। देखिए वीडियो-

15वें वित्त के मद से खरीदी जा रही मशीन : नपा सीएमओ

डोंगरगढ़ नगर पालिका के सीएमओ यमन देवांगन ने कहा कि 15वें वित्त के मद से इस मशीन की खरीदी की जा रही है और यह कौन सी कंपनी व ब्रांड की है, वह मैं फाइल देखकर ही बता पाऊंगा और फाइल इंजीनियर के पास है, वह अभी आफिस में नहीं है। देखिए वीडियो-




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