एफपीओ पर राष्ट्रीय महासंगोष्ठी : छत्तीसगढ़ के किसान हुए शामिल...PACS के जरिए किसानों को कितना होगा फायदा...पढ़िए

केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में सहकारिता क्षेत्र में FPO विषय पर राष्ट्रीय महासंगोष्ठी 2023 का उद्घाटन किया, इस दौरान छत्तीसगढ़ के किसान भी कार्यक्रम में शामिल हुए...पढ़िए पूरी खबर;

Update: 2023-07-15 07:36 GMT

रायपुर- केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में सहकारिता क्षेत्र में FPO विषय पर राष्ट्रीय महासंगोष्ठी 2023 का उद्घाटन किया और PACS की तरफ से 1100 नए FPOs के गठन की कार्य योजना की शुरूआत की। इस खास अवसर पर छत्तीसगढ़ के 23 जिलों के 39 किसान शामिल हुए। इस दौरान किसानों के साथ केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय सहकारिता राज्यमंत्री श्री बी एल वर्मा, सचिव, सहकारिता मंत्रालय, ज्ञानेश कुमार और सचिव, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, श्री मनोज आहूजा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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 किसानों को कैसे मिलेगा फायदा...

केंद्रीय गृहमंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह के प्रयासों से नए FPOs के गठन होने पर सहकारी क्षेत्र में 1,100 नए एफपीओ बनाने का फैसला लिया गया है। सहकारिता मंत्रालय की एक महत्वपूर्ण पहल से सहकारी क्षेत्र को बढ़ावा देने और व्यापक समर्थन प्रदान करने की योजना के तहत पैक्स को मजबूत करने का काम किया जाएगा। वहीं संसाधनों को एकत्रित करने और उनकी सौदेबाजी की शक्ति को बढ़ाने पर भी ध्यान दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'सहकार से समृद्धि' को साकार करने के लिए गृहमंत्री अमित शाह ने यह कदम उठाया है। FPO योजना के तहत प्रत्येक FPO को भारत सरकार द्वारा 33 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। जिसे आज केंद्रस सरकार ने पूरा कर दिया है। साथ ही, क्लस्टर आधारित व्यापार संगठन (CBBO) को FPO गठन के लिए प्रति FPO 25 लाख रुपये की राशि दी जाती है। देशभर में प्राथमिक कृषि ऋण सोसायटी (PACS) से लगभग 13 करोड़ किसान जुड़े हैं। जिनमें छत्तीसगढ़ 39 किसानों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा।

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ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचेगा PACS...

केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री ने कहा कि, भारत में लगभग 65 प्रतिशत लोग कृषि गतिविधियों के साथ जुड़े हैं। तो इन 65 प्रतिशत लोगों और 55 प्रतिशत कार्यबल के आधार पर ग्रामीण क्षेत्रों में बाकी सभी सेवाएं भी एक प्रकार चले, यह कृषि पर निर्भर करता है। इसलिए किसानों और एफपीओं संगठन के लिए पेक्स को लाना बेहद जरूरी था। भारत एकमात्र ऐसा देश है, जहां किसानों को मज़दूर नहीं बनने दिया और वे अपनी भूमि के मालिक हैं। कृषि को आधुनिक बनाने, कृषि उपज के अच्छे दाम पाने और कृषि को फायदेमंद बनाने के लिए हमें PACS की नई शुरूआत है।

FPO स्थापित करने की घोषणा...

केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि, FPO की कल्पना 2003 में श्री अटल बिहारी बाजपेयी ने की थी। जिसे आज पूरा किया जा रहा है। इनके माध्यम से देश के लाखों किसान अपनी आय बढ़ाने में सफल हुए हैं। बजट में 10,000 FPO स्थापित करने की घोषणा की गई और वर्ष 2027 तक इनकी स्थापना करने का लक्ष्य है। भारत सरकार ने 6.900 करोड़ रूपए इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए आवंटित किया है। श्री शाह ने कहा कि, इनपुट से लेकर आउटपुट तक, मैन्युफैक्चरिंग से लेकर प्रोसेसिंग और ग्रेडिंग तक और पैकेजिंग से लेकर मार्केटिंग और भंडारण तक पूरी व्यवस्था की गई है। यानी कृषि उत्पादन से लेकर मार्केटिंग तक की पूरी व्यवस्था FPO के तहत हो, इसके लिए ऐसा कॉन्सेप्ट प्रधानमंत्री मोदी लेकर आए हैं।

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