नई गाइडलाइन : अब शाम 7 बजे तक खुलेंगी दुकानें, दुकानों के खुलने के समय में एक घंटे का इजाफा मंजूर
कारोबारियों की मांग पर प्रशासन ने तमाम तरह की दुकानों के खुलने के समय में एक घंटे का इजाफा मंजूर कर लिया। दुकानें अब 6 की बजाय, शाम 7 बजे तक खुलेंगी, पर बड़ा सवाल यह है कि कारोबारियों को एक घंटे देने से शहर की खचाखच भीड़ पर कंट्रोल संभव हो पाएगा? दरअसल, समय सीमित होने की वजह से नौकरीपेशा से लेकर आम लोग लिमिट ऑवर के पीक टाइम में भीड़ बढ़ा रहे हैं। बाजार बंद होने के वक्त लोग पहुंच रहे हैं और इस वजह से भीड़ हर दिन बेकाबू होने लगी है। अगर इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया तो संक्रमण का खतरा दोबारा होने की आशंका भी बन रही है।;
रायपुर. कारोबारियों की मांग पर प्रशासन ने तमाम तरह की दुकानों के खुलने के समय में एक घंटे का इजाफा मंजूर कर लिया। दुकानें अब 6 की बजाय, शाम 7 बजे तक खुलेंगी, पर बड़ा सवाल यह है कि कारोबारियों को एक घंटे देने से शहर की खचाखच भीड़ पर कंट्रोल संभव हो पाएगा? दरअसल, समय सीमित होने की वजह से नौकरीपेशा से लेकर आम लोग लिमिट ऑवर के पीक टाइम में भीड़ बढ़ा रहे हैं। बाजार बंद होने के वक्त लोग पहुंच रहे हैं और इस वजह से भीड़ हर दिन बेकाबू होने लगी है। अगर इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया तो संक्रमण का खतरा दोबारा होने की आशंका भी बन रही है।
कारोबारी मानते हैं कि सामान्य दिनों की तरह बाजार खोले जाने से पीक ऑवर की भीड़ नियंत्रण में आ सकती है। ओपन मार्केट में भीड़ छंटने की वजह से यहां फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन भी आसानी से कराया जा सकता है। जिला प्रशासन ने 11 जून को एक और नई गाइडलाइन जारी करते हुए आवश्यक वस्तुओं की बिक्री के साथ अस्थाई-स्थाई बाजारों को खोलने एक घंटे और छूट प्रदान की है, लेकिन अभी भी रविवार को संपूर्ण लॉकडाउन की व्यवस्था कायम रखी है। जानकारों का मानना है, नौकरीपेशा घरानों से लेकर आमतौर पर बड़े कारोबार का संचालन सप्ताह के आखिरी दिनों में होता है। पर्याप्त समय की कमी होने की वजह से हफ्ते के शुरुआती चार दिनों में भागमभाग की स्थिति भीड़ बढ़ा रही है। माना जा रहा है कि अगर फिर से ओपन मार्केट की स्थिति बन गई तो किसी एक समय में जुटने वाली भीड़ अलग-अलग हिस्सों में बंट सकती है। यहां फिजिकल डिस्टेंसिंग का सिस्टम बनाना आसान है।
नई गाइडलाइन
सभी तरह के बाजारों को खोलने अब शाम 7 बजे तक की छूट होगी। 12 जून में नई व्यवस्था के तहत शाम 7 से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू का नियम लागू होगा। पहले की तरह सभी स्वीमिंग पूल, सिनेमा हॉल, पार्क, सामूहिक भीड़ वाले स्थल तेलीबांधा, मरीन ड्राइव, जंगल सफारी, बूढ़ातालाब, मुक्तांगन इत्यादि बंद रहेंगे।
14 जून से शासकीय स्थल सामान्य
पॉजिटिव केस का ग्राफ 2.2 प्रतिशत तक पहुंचने के साथ शासन ने फैसला लिया है, सभी शासकीय दफ्तर 14 जून से सामान्य दिनों की तरह खुलेंगे। सभी अफसर-कर्मचारियों की मौजूदगी में कार्यों का संचालन होगा।
चरणबद्ध तरीके से अनलॉक
चरणबद्ध तरीके से बाजार खोलने का प्रयास है। सभी को यह भी एहसास रहे कि कोरोना खत्म नहीं हुआ है। अभी 7 बजे तक की अनुमति मांगी थी। स्थिति को पूरी तरह से भांपते हुए इसे आगे बढ़ाएंगे। रविवार को संपूर्ण लॉकडाउन सभी कारोबारियों ने पिछले समय के खतरनाक माहौल को देखते हुए अनुमति दी है।
- अमर पारवानी, अध्यक्ष, चैंबर ऑफ काॅमर्स
ओपन मार्केट में हो सकता है फायदा
सामान्य दिनों के तरह बाजार खुले तो जरूरत वाले स्थलों में ही पहुंचेंगे लोग, लिमिट टाइम की चिंता छूट जाने से जल्दबाजी की भीड़ कम होगी।
मॉल में सख्त नियम से अलग ओपन टाइमिंग में खरीदारी के लिए मिल सकेगा वक्त।
शाम को लिमिट ऑवर की टाइमिंग के बजाय ओपन मार्केट में सब्जी और फल मंडियों में जुटी भीड़ को बांटना आसान।
ठेले-खाेमचे बंद, इस वजह से होटलों, रेस्टोरेंट में एक साथ फूड डिलीवरी का लोड, ओपन टाइमिंग से लोड भी कम।
अभी की हालत में दिख रहा संकट
नौकरीपेशा वालों को लिमिट टाइमिंग में खरीदारी मुश्किल से, चॉइस नहीं होने से किसी भी वक्त कहीं भी लगा रहे भीड़।
लिमिट ऑवर में अस्थाई-स्थाई बाजार एक जगह खुल रहे, खरीदारी के लिए हर घंटे जमावड़ा लगने से बन रहा माहौल।
15 लाख की आबादी वाले शहर में फिक्स टाइमिंग, सामान्य दिनों की भीड़ में लिमिट ऑवर का दायरा व्यवहारिक नहीं।
थोक में सामान खरीदने दबाव और फिर उसके फुटकर व्यापार में लिमिट ऑवर की भागमभाग में भी लापरवाही ज्यादा।
सरकारी दफ्तरों में रुटीन कामकाज ठप, लेकिन काम कराने जरूरतमंद लगा रहे चक्कर, भीड़ का रुकना मुश्किल।