स्कूल बसें ही नहीं ऑटो भी भरे जा रहे ठूंस ठूंस कर, पेट्रोल बचाने दो की जगह एक फेरा

लापरवाही: जगदलपुर में स्कूल की 31 सीटर बस में बैठाए गए थे 84 बच्चे, हरिभूमि ने प्रमुखता से किया था समाचार का प्रकाशन, अब यहां भी स्कूल प्रबंधनों और ऑटो वालों की लापरवाही और लालच की वज़ह से जान जोखिम में डालकर स्कूल आना-जाना कर रहे छात्र पढ़िए पूरी ख़बर...;

Update: 2021-12-22 05:16 GMT

रायपुर: जगदलपुर में 31 सीटर बस में 84 से अधिक छात्रों को ठूंस- ठूंसकर भरे जाने का मामला सामने आने के बाद वहां की बस को जब्त कर लिया गया है और कार्रवाई की जा रही है, लेकिन राजधानी में भी हालात इससे अलग नहीं हैं। यहां भी स्कूली छात्रों को लाने-ले जाने वाले परिवहन के साधनों में छात्रों को ढूंस-ढूंस कर भरा जा रहा है। इस पर तो शासन द्वारा कोई कार्रवाई की जा रही है। ना ही स्कूल प्रबंधन ही किसी तरह की निगरानी कर रहा है। मंगलवार को हरिभूमि की टीम ने कई स्कूलों की परिवहन व्यवस्था का जायजा लिया। कई बड़े स्कूलों में अभी भी छात्रों को बस सुविधा नहीं दी जा रही है। ऐसे में बच्चे ऑटो, वैन या इस तरह के साधनों से स्कूल आ रहे हैं। इनमें क्षमता से अधिक छात्रों को बैठाया जा रहा है। सुरक्षा के अलावा कोरोना संक्रमण का भी भय इसके कारण बच्चों में बना हुआ है।

बस को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं

शासन द्वारा जब बस सुविधा प्रारंभ करने की अनुमति स्कूलों को दी गई थी, तब 50 फीसदी क्षमता के साथ ही इसका संचालन करने कहा गया था। छात्रों के मध्य सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे और कोरोना का खतरा ना हो, इसलिए यह व्यवस्था की गई थी। इसके पश्चात इस संदर्भ में कोई अन्य आदेश जारी नहीं किया गया है। इसके बाद भी स्कूल बसों में पूरी क्षमता के साथ छात्रों को बैठाया जा रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग या सेनिटाइजर जैसी कोई व्यवस्था बस में नहीं की गई है। जिन रूटों पर बस के दो फेरे लगने चाहिए। वहां पेट्रोल बचाने एक फेरे प्रबंधन लगा रहा है।

पृथक आदेश नहीं

बस में बैठक व्यवस्था को लेकर कोई पृथक आदेश जारी नहीं हुआ है। स्कूल 100 प्रतिशत खोले जाने संबंधित आदेश के आधार पर बस में भी पूरी क्षमता के साथ छात्रों को बैठाया जा रहा है।

-राजीव गुप्ता, अध्यक्ष, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन

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