अब नये साल में खुलेगा स्मार्ट मीटर का टेंडर, लाइनों के मीटर का टेंडर मर्ज करने से बढ़ा समय

प्रदेश के सभी बिजली उपभोक्ताओं के मीटर स्मार्ट करने से पहले छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर कंपनी ने फीडरों के साथ लाइनों के मीटरों को स्मार्ट करने के लिए अलग से टेंडर किया था,;

Update: 2022-12-22 23:21 GMT

रायपुर। प्रदेश के सभी बिजली उपभोक्ताओं के मीटर स्मार्ट करने से पहले छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर कंपनी ने फीडरों के साथ लाइनों के मीटरों को स्मार्ट करने के लिए अलग से टेंडर किया था, लेकिन इस टेंडर को केंद्र सरकार ने मंजूरी देने से इनकार कर दिया, ऐसे में अब पॉवर कंपनी को इस टेंडर को उपभोक्ताओं के मीटरों के लिए किए गए टेंडर में मर्ज करना पड़ा है। यही वजह है कि गुरुवार को खुलने वाला टेंडर नहीं खुल सका। अब यह टेंडर अगले साल 15 जनवरी को खुलेगा। ऐसे में अब स्मार्ट मीटर लगने की शुरुआत में भी विलंब होगा।

प्रदेश सरकार ने चार माह पहले कैबिनेट में बिजली व्यवस्था को मजबूत करने के लिए 12 हजार करोड़ की योजनाओं को मंजूरी दी। इसके बाद इनको केंद्र सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा गया, क्योंकि अलग-अलग योजना में केंद्र सरकार से भी मदद मिलती है। दिल्ली में हुई मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक मे पॉवर कंपनी के दो प्रस्ताव रखे गए, जिनको प्रारंभिक तौर पर सहमति मिली। इसमें पहले साढ़े तीन हजार करोड़ की योजना पर मंजूरी मिलने के बाद इस पर काम प्रारंभ करने के लिए टेंडर किया गया। योजना में दो तरह के टेंडर किए गए।

एक टेंडर में फीडरों और ट्रांसफार्मरों के खंबे में लगने वाले मीटरों का करीब 583.33 करोड़ का टेंडर है और दूसरा 2903 करोड़ का टेंडर दूसरे कामों का है। इसका टेंडर खोला जाता, इसके पहले केंद्र सरकार ने उपभोक्ताओं के स्मार्ट मीटर वाली योजना को मंजूरी दे दी। जब इसका अलग से टेंडर करके केंद्र सरकार को जानकारी भेजी गई, तो केंद्र सरकार ने पहले वाले स्मार्ट मीटर के टेंडर को नामंजूर करते हुए इसको उपभोक्ताओं वाले मीटरों के साथ मर्ज करने के निर्देश दिए हैं। अब केंद्र सरकार के निर्देश के मुताबिक ही टेंडर में बदलाव किया गया है।

जनवरी में नहीं लग पाएंगे मीटर

प्रदेश में 61 लाख बिजली उपभोक्ताओं में से 54 लाख उपभोक्ता के मीटरों को स्मार्ट किया जाएगा। इसके लिए किया गया टेंडर अब फीडरों और लाइनों के मीटरों के साथ 15 जनवरी को खोला जाएगा। इसकी प्रक्रिया को पूरा करने में जनवरी का पूरा माह निकल जाएगा। ऐसे में ठेका लेने वाली कंपनी को मीटर लगाने का काम प्रारंभ करने के लिए वर्क आर्डर मिलने में समय लगेगा और मीटरों का लगना फरवरी से पहले संभव नहीं होगा। योजना में केंद्र सरकार से इसके लिए एक मीटर के नौ सौ रुपए के हिसाब से 540 करोड़ मिलेंगे, जबकि उपभोक्ताओं के मीटर खरीदने पर ही तीन हजार करोड़ खर्च होंगे। अन्य कार्यों को मिलाकर करीब चार हजार करोड़ योजना में खर्च होंगे। इसीलिए पॉवर कंपनी ने टेंडर बीबी फुट मोड में किया है। इसमें ठेका लेने वाली कंपनी ही पूरा खर्च करेगी। पॉवर कंपनी उसे ईएमआई में भुगतान करेगी।

Tags:    

Similar News