न्यूड वीडियो का गोरखधंधा : लड़की को व्यापारी के घर भेजकर बना लिया वीडियो, फिर चला ब्लैकमेलिंग का सिलसिला...कई लोगों को ठगने वाला गिरोह फूटा
कारोबारी को घर पर अकेला देख लड़की अपने कपड़े उतारकर उसके साथ अश्लील हरकतें करने लगी। कुछ देर बाद लड़की के साथ आया कैमरामैन किसी न्यूज चैनल में इस्तेमाल होने जैसा माइक लेकर घर में घुसकर वीडियो बनाने लगा। फिर क्या हुआ... पढ़िए पूरी खबर..;
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ठगी करने वाले गैंग को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि यह गैंग कारोबारियों को ब्लैकमेल कर उनसे रुपए ऐंठने का काम करता था। इस मामले में एक युवती को भी पुलिस ने उसके साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया है। इनका पूरा गैंग लड़की के साथ लोगों का अश्लील वीडियो बनाता था। फिर बाद में उसे वायरल करने की धमकी देकर लाखों रुपए वसूलते थे। गैंग में मिले युवक खुद को मीडियाकर्मी बताकर भी लोगों से पैसे लेते रहे।
मिली जानकारी के अनुसार, रायपुर के टिकरापारा इलाके में रहने वाले एक कारोबारी को इस गैंग ने अपने जाल में फांस लिया। कारोबारी अपना संजय नगर का मकान बेचना चाहता था। इस गैंग ने एक लड़की को ग्राहक बनाकर उसके पास भेज दिया। कारोबारी को घर पर अकेला देख लड़की अपने कपड़े उताकर उसके साथ गलत हरकत करने लगी। कुछ देर बाद लड़की के साथ गया कैमरामैन, किसी न्यूज चैनल में इस्तेमाल होने जैसा माइक लेकर घर में घुसकर वीडियो बनाने लगे। इसके बाद कारोबारी को 1 लाख 25 हजार रुपए देने के लिये ब्लैकमेल करते रहे।
लड़की का इस्तेमाल कर लोगों को गुमराह करते
टिकरापारा के कारोबारी ने पुलिस को सारी घटना के बारे में जानकारी दी। इसी आधार पर कार्रवाई आगे बढ़ी। लोगों को झांसे में लेने गैंग के लोग लड़की का इस्तेमाल करते थे। इस केस में पुलिस ने कारोबारी की शिकायत के बाद सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इन मामलों में इनकी एक और साथी थी युवती का नाम इशरत बानों उर्फ खूशबू साहू है, फरार है। खुद को मीडियाकर्मी बताकर लोगों को ठगते रहे। पुलिस की जांच से मालूम हुआ कि खेमचंद कौशिक खुद को कुछ चैनलों का को-ऑर्डिनेटर बताता था।
मीडियाकर्मी बताकर लोगों को ठगते थे
इसका साथी आरोपी संजय चौहान उर्फ सोनू चैनल में कैमरा मैन बतलाते रहे। ब्लैकमेलिंग का काम करने वाले इस गैंग ने 4 अन्य लोगों को भी ठगा है। उन लोगों से भी इसी तरह लड़की के जाल में फंसाकर, अश्लील वीडियो बनाकर रुपए लिए। पीड़ित बदनामी के डर से सामने नहीं आए, लेकिन पुलिस उनकी तलाश कर रही है। साइबर ठगी के मामलों में सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि ठगे गए अधिकतर लोग पढ़े-लिखे होते हैं। इनमें डॉक्टर, इंजीनियर, अफसर, टीचर और कई प्रोफेशनल भी शामिल हैं।