सांसद-विधायकों की नहीं सुनते अफसर, सरकार सख्त, दिया अल्टीमेटम

छत्तीसगढ़ में सरकार के अधिकारी क्या इतने निरंकुश हो गए हैं कि वे अपने राज्य के चुने हुए जनप्रतिनिधियों, सांसदों-विधायकों तक की बात नहीं सुन रहे हैं। सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी एक आदेश से यही बात साफ होती है।;

Update: 2021-08-04 16:09 GMT

छत्तीसगढ़ में सरकार के अधिकारी क्या इतने निरंकुश हो गए हैं कि वे अपने राज्य के चुने हुए जनप्रतिनिधियों, सांसदों-विधायकों तक की बात नहीं सुन रहे हैं। सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी एक आदेश से यही बात साफ होती है। अब सरकार ने अपने सभी विभागों के अफसरों को पत्र भेजकर कहा है कि सांसदों-विधायकों से सौहार्दपूर्ण व्यवहार किया जाए। यही नहीं शासन द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉॅल नियमों का कड़ाई से पालन भी करने कहा गया है।

सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के संयुक्त सचिव संजय अग्रवाल ने प्रदेश के सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, विशेष सचिव स्वतंत्र प्रभार, अध्यक्ष राजस्व मंडल बिलासपुर, सभी विभागाध्यक्ष, सभी संभागायुक्त, सभी कलेक्टर और सभी जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देश का पत्र भेजा है।

अब जारी हुआ ये निर्देश

सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्देश में सभी अधिकारियों से कहा गया है कि सांसदों-विधायकों से सौहार्दपूर्ण व्यवहार किया जाए। प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया जाए। उनसे प्राप्त पत्रों की अभिस्वीकृित उन्हें अविलंब भेजी जाए। जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए लोकमहत्व के मामले में तेजी से कार्यवाही करते हुए उसकी सूचना जनप्रतिनिधियों को तत्परता से भेजें।

कौशिक बोले- आखिर ये नौबत आई क्यों

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का कहना है, सामान्य प्रशासन विभाग को यह चिठ्ठी लिखने की आवश्यकता ही क्यों पड़ी? इसका मतलब है कि प्रोटोकॉल का उल्लंघन हो रहा है। सरकार के बार-बार निर्देश के बाद भी क्यों प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया जा रहा है।

कई बार हम लोग सरकार के अधिकारियों को पत्र भेजते हैं बातचीत करते हैं लेकिन कार्यवाही नहीं होती। यह जनप्रतिनिधियों के साथ व्यवहार में कमी की बात है। ऐसा केवल विपक्ष ही नहीं सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधियों के साथ भी हो रहा है। प्रोटोकॉल का पालन करने के साथ जनप्रतिनिधियों का सम्मान होना चाहिए।

ढाई साल बाद याद आई सरकार को

राज्य सरकार के कार्यकाल का ढाई साल बीतने के बाद मुख्यमंत्री जी को प्रोटोकॉल का ज्ञान मिल रहा है। यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। इस आदेश का कितना पालन सरकार के अधिकारी करते हैं यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

सुनील सोनी सांसद-रायपुर सरकार का कदम सराहनीय

छत्तीसगढ़ सरकार का यह कदम निश्चित ही सराहनीय है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पक्ष ही नहीं विपक्ष के भी जनप्रतिनिधियों को साथ लेकर चलते हैं। सरकार द्वारा जनप्रतिनिधियों के सम्मान संबंधी निर्देश से शासन ही नहीं जनता के बीच भी अच्छा संदेश जाएगा और शासन की छवि निखरेगी।



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