कभी था ये गांव खुले में शौचमुक्त, आज हितग्राही व पंचायत जनप्रतिनिधि खुले में ही शौच कर रहे

कवर्धा विकासखंड को 15 अगस्त 2016 को खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया था। लेकिन देख-रेख के अभाव में शौचालय की सीट व दरवाजा धराशाई, बरबसपुर क्षेत्र में 500 से अधिक शौचालय निर्माण, ग्रामीण क्षेत्रों में घर से दूर शौचालय होने के कारण शौचालय के टीन-शेड व दरवाजा धीरे-धीरे गायब हो रहे हैं। ऐसे में लोग फिर से खुले में शौच करने लगे हैं। पढ़िए पूरी ख़बर..;

Update: 2022-01-04 10:32 GMT

कवर्धा: जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत बरबसपुर में ग्रामीणों को शासन के महत्त्वकांक्षी योजना स्वच्छ भारत के तहत शौचालय बनवाया गया, लेकिन लोगों को इनका उपयोग नहीं कर रहें। शौचालय की वर्तमान स्थिति देखकर बखूबी अंदाजा लगाया जा सकता है। क्षेत्र के ग्राम पंचायत बरबसपुर, डबराभाट, सिंघनपुरी, जरती, जेवड़न खुर्द को खुले में शौच मुक्त ग्राम पंचायत घोषित कर दिया है। हकीकत यह है कि वर्तमान समय में ग्रामीण हितग्राही सहित पंचायत के जनप्रतिनिधि खुले में शौच करने को मजबूर है। कवर्धा तहसील अंतर्गत इन छः पंचायत की आबादी 2000 के करीब है, वही सभी पंचायतों में स्वच्छ भारत अभियान तहत 500 से अधिक शौचालय का निर्माण कराया गया। ग्राम पंचायत में निर्मित लगभग 50 फीसदी शौचालय घर से दूर, बाड़ी या शासकीय भूमि पर बनाया गया, जिससे नियमित उपयोग तो दूर की बात लोग यहां झांकने तक नहीं जाते। ऐसे में खुले में शौच मुक्त पंचायत का दर्जा देना उचित नहीं। जिसकी वजह से शौचालय बनने के बाद उपयोग नहीं करने से शौचालय अनुपयोगी साबित हो रहा है। वहीं देख-रेख के अभाव में शौचालय के सीट व दरवाजा धाराशाही हो चुका है।


मौके की असली तस्वीर


 


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