डेढ़ हजार सोसायटियों का कार्यकाल पूरा, आयोग ने कहा- चुनाव पर जल्द करें फैसला

छत्तीसगढ़ में कोरोना की वजह से अटके सहकारी सोसायटियों के चुनाव अब तक नहीं हो पाए हैं। यही कारण है कि प्रदेश की करीब डेढ़ हजार सोसायटियों का कार्यकाल खत्म हो चुका है। सहकारी सोसायटी अधिनियम के मुताबिक कार्यकाल समाप्त होने के पहले चुनाव कराने की बाध्यता है।;

Update: 2021-10-20 04:00 GMT

रायपुर. छत्तीसगढ़ में कोरोना की वजह से अटके सहकारी सोसायटियों के चुनाव अब तक नहीं हो पाए हैं। यही कारण है कि प्रदेश की करीब डेढ़ हजार सोसायटियों का कार्यकाल खत्म हो चुका है। सहकारी सोसायटी अधिनियम के मुताबिक कार्यकाल समाप्त होने के पहले चुनाव कराने की बाध्यता है।

अब इस पूरे मामले को लेकर राज्य सहकारी निर्वाचन आयोग ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर मामले में निर्णय लेने कहा है, लेकिन खास बात ये है कि प्रदेश के किसी भी कलेक्टर ने आयोग के पत्र का कोई जवाब नहीं दिया है। राज्य में पिछले साल मार्च से कोरोना की पहली लहर आने और उसके बाद इस साल अप्रैल में दूसरी लहर आने के बाद से अब तक सोसायटियों की आमसभा नहीं हो पाई है।

जिलों में कलेक्टरों ने कोरोना की वजह से सोसायटियों की आमसभा पर रोक का आदेश दिया था। अब जिलों में कई तरह की रोक व प्रतिबंध को समाप्त कर दिया गया है, लेकिन सोसायटियों की आमसभा पर लगी रोक नहीं हटाई गई है। यही वजह है कि चुनाव के लिए बैठकें नहीं हो पा रही हैं।

सहकारी आयोग ने कलेक्टरों को लिखा पत्र

राज्य सहकारी निर्वाचन आयोग के आयुक्त सुनील कुमार कुजूर ने मामले को लेकर प्रदेश के सभी कलेक्टरों को पत्र भेजा है। पत्र में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ सहकारी सोसाइटी अधिनियम के प्रावधान के अनुसार सहकारी समितियों के बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होने के पूर्व राज्य सहकारी निर्वाचन आयोग, रायपुर द्वारा निर्वाचन कराया जाना कानूनी बाध्यता है। माह अप्रैल-मई 2021 में कोविड-19 के संक्रमण के फैलाव के कारण आपके द्वारा धारा 144 लागू करते हुए सभी प्रकार की सभा, जुलूस, सामाजिक, धार्मिक एवं राजनीतिक आयोजन पर प्रतिबंध लगाया गया है, जो आज भी प्रभावशील है।

1500 सोसायटियों का कार्यकाल समाप्त

आयोग ने कलेक्टरों के भेजे पत्र में कहा है कि जिलों में पंजीकृत सहकारी समितियों में से अधिकांश समितियों में सदस्य संख्या 100-150 तक सीमित है। ऐसे सदस्यों द्वारा ही बोर्ड का गठन होता है, जिसमें सोसाइटी के सभी सदस्यों का एक ही समय पर उपस्थित होना जरूरी नहीं होता। बोर्ड का निर्वाचन लगभग 4 से 6 घण्टे में ही पूरा हो जाता है। प्रदेश में लगभग 1500 समितियों के बोर्ड का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। समितियों द्वारा लगातार निर्वाचन के लिए आयोग कार्यालय से मांग की जा रही है। ऐसे में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए निर्वाचन कराया जा सकता है। इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए समितियों के बोर्ड के निर्वाचन के संबंध में यथाशीघ्र निर्णय लेकर अवगत कराएं।

800 सोसायटियों के नहीं हुए चुनाव

बताया गया है कि वनोपज संघ से संबंधित 902 सोसायटियों के चुनाव की प्रक्रिया शुरू की गई थी। इनमें से 102 में चुनाव हो गए, लेकिन 800 सोसायटियों में अब तक चुनाव नहीं हो पाए हैं। प्रदेश में धान खरीदी से संबंधित 2 हजार 58 सोसायटियां है। इनमें से करीब 1500 का कार्यकाल अगले साल जुलाई में समाप्त होने जा रहा है। नियमानुसार कार्यकाल समाप्त होने के 6 माह पहले चुनाव की प्रक्रिया शुरू की जाती है। इन सोसायटियों में चुनाव की प्रक्रिया दिसंबर से शुरू की जाएगी।

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