लूट की खुली छूट : धान खरीदी केंद्रों में खुलेआम लूटे जा रहे किसान, बोरे में निर्धारित मात्रा से ज्यादा तौल रहे..मजदूरी भी वसूल रहे हैं
समिति प्रबंधक कैमरे के सामने साफ तौर पर यह मान रहे हैं कि, वे सरकार के मानक तौल से ज्यादा धान ले रहे हैं और किसानों से मजदूरों के नाम पर अवैध पैसे भी ले रहे हैं, वे कैमरे के सामने यह भी बता रहे हैं कि, वे जो कर रहे हैं इसकी जानकारी सभी को है... जानिए कहां मिली हुई है लूट की ऐसी छूट...;
नौशाद अहमद- सूरजपुर। छत्तीसगढ़ में सूरजपुर जिले के धान खरीदी केंद्र लगातार विवादों में रहते आए हैं। जिला प्रशासन ने कई धान खरीदी केंद्रों के प्रबंधकों पर कार्रवाई भी की है, बावजूद इसके आज भी तमाम धान खरीदी केंद्रों में मासूम किसानों को लूटा जा रहा है। मानक तौल से ज्यादा किसानों से धान लिया जा रहा है। साथ ही सरकार की ओर से धान खरीदी केंद्रों को मजदूरों के लिए पैसे मिलने के बाद भी किसानों से अवैध वसूली की जा रही है। अब जिले की कलेक्टर ने खरीदी केंद्रों में चल रही अवैध वसूली के मामले को संज्ञान में लिया है।
एक बोरे में 40 किलो 600 ग्राम खरीदना तय, ले रहे 41-42 किलो धान
सूरजपुर जिले में अन्नदाताओं को धान खरीदी समितियों में लूटा जा रहा है। सरकार के निर्देश के अनुसार एक जूट के बोरे में 40 किलो 600 ग्राम धान और प्लास्टिक के बोरे में 40 किलो 300 ग्राम धान खरीदना है, लेकिन जिले के लगभग सभी धान खरीदी केंद्रों में किसानों से एक बोरी में 41 से 42 किलो धान खरीदी की जा रही है। कुल मिलाकर प्रतिदिन धान खरीदी केंद्र के संचालक किसानों का सैकड़ों क्विंटल धान अपनी झोली में डाल रहे हैं।
सरकार से मजदूरी मिलने के बावजूद किसानों से वसूल रहे प्रति बोरी 10 रुपये
वहीं सरकार सभी समितियों को मजदूरों के लिए प्रीति बोरा 9 रुपए दे रही है, बावजूद इसके समितियों में प्रत्येक किसान से ₹10 से लेकर ₹20 प्रति बोरी वसूल किया जा रहा है। इस पूरे मामले में किसान कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री विमलेश तिवारी ने कहा कि, कई जगह से ऐसी शिकायतें मिली हैं। हमने अधिकारियों से कार्रवाई करने के लिए कहा है और किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस सरकार किसानों के साथ है और हमेशा रहेगी।
प्रबंधक मान रहे... हो ज्यादा तौल रहे हैं, पैसे भी ले रहे हैं... सभी को पता है..
वहीं धान खरीदी समितियों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि वे खुलेआम किसानों का शोषण कर रहे हैं। साफ तौर पर यह मान रहे हैं कि, वे सरकार के मानक तौल से ज्यादा धान खरीद रहे हैं और किसानों से मजदूरों के नाम पर अवैध पैसा भी ले रहे हैं, वह कैमरे के सामने यह भी बता रहे हैं कि वह जो कर रहे हैं इसकी जानकारी सभी को है। कुल मिलाकर इनके बयानों से पुरानी कहावत चरितार्थ होती दिखती है कि, सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का... आप भी सुनिए एक समिति प्रबंधक क्या कह रही हैं... देखिए वीडियो-
कलेक्टर ने भी मानी... तौल में हो रही हैं गड़बड़ियां
वहीं जब ऐसा होने की जानकारी जिले के कलेक्टर को मिली तो उन्होंने धान खरीदी केंदों में पहुंचकर जानकारी ली। वहां पर मौजूद किसानों से भी उन्होंने बात की। कलेक्टर ने बताया कि तौल में कुछ कमियां पाई गई हैं, जिसे दूर करने को कहा गया है। सभी नोडल अधिकारियों से कहा गया है, इस पर निगरानी रखें। साथ ही सभी को बता दिया कि है कि सरकार धान खरीदी को लेकर काफी गंभीर है और इसमें किसी भी तरह की कोई भी गलती बर्दाश्त नहीं की जाएगी। देखिए वीडियो-