स्कूल में बिरयानी पार्टी की जांच के आदेश : जांच के लिए तीन अधिकारियों की टीम गठित, बिरयानी खाते तस्वीरें हुई थीं वायरल

शिकायत मिलने पर जिला शिक्षा अधिकारी डेजी रानी जांगड़े ने तत्काल तीन अधिकारियों की संयुक्त टीम जांच के लिए गठित कर दी है। और तीन दिवस के भीतर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। पढ़िए पूरी खबर....;

Update: 2022-11-29 07:56 GMT

प्रिंस करन साहू- बिलाईगढ़। हरिभूमि डॉट कॉम (haribhoomi.com) की खबर का एक बार फिर असर हुआ है। सकूल में बिरयानी पार्टी की जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं। यह मामला छत्तीसगढ़ के नवीन जिले सारंगढ़ - बिलाईगढ़ के बिलाईगढ़ क्षेत्र से सामने आया था, जहां शिक्षकों को नॉन वेज पार्टी देखा गया था। इसकी शिकायत मिलने पर जिला शिक्षा अधिकारी डेजी रानी जांगड़े ने तत्काल तीन अधिकारियों की संयुक्त टीम जांच के लिए गठित कर दी है। और तीन दिवस के भीतर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

जिला शिक्षा अधिकारी ने तत्काल उठाया कदम

उल्लेखनीय है कि, शिक्षा के मंदिर में किसी भी प्रकार की मांसाहारी भोजन प्रतिबंधित है, इसके बाद भी इस प्रकार से हरकत करने वाले शिक्षकों के ऊपर कड़ी कार्यवाही करने की क्षेत्र में मांग उठ रही है। सामने आई इस तस्वीर में देख सकते हैं कि एक बड़े टेबल पर स्कूल के शिक्षक बैठे हुए हैं और भोजन कर रहे हैं। चित्र में साफ देखा जा सकता है कि शिक्षक नॉन वेज खा रहे हैं।

ये फोटो सोशल मीडिया में हो रहा वायरल

मिली जानकरी के अनुसार, यहां मामला शनिवार का बताया जा रहा हैं जब शिक्षको ने स्कूल में ही नॉनवेज पार्टी कर डाली। सामने आई तस्वीर में साफ देखा सकते हैं कि एक बड़े टेबल पर स्कूल के शिक्षक बैठे हुए हैं और भोजन कर रहे हैं बताया जा रहा है कि भोजन के साथ शिक्षकों को नॉन वेज बिरयानी भी परोसा गया है । जिसकी शिकायत मिलने पर जिला शिक्षा अधिकारी डेजी रानी जांगड़े ने तत्काल तीन अधिकारियों की संयुक्त टीम जांच के लिए गठित किया गया और तीन दिवस के भीतर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। जांच अधिकारी में सत्यनारायण साहू विकास खंड शिक्षा अधिकारी बिलाईगढ़, सूरेश राम बैरागी प्राचार्य शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विधालय सारंगढ़ तथा रवि कुमार डोंगरे सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी सारंगढ़ शामिल है। इन अधिकारियों के द्वारा जल्दी ही स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय पहुंचकर इस मामले की जांच कर प्रतिवेदन जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपेंगे जिसके बाद शिक्षकों पर कार्यवाही की गाज गिर सकती है।




 


 



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