तीर्थ स्थल को घोषित किया पर्यटन स्थल : सम्मेद शिखरजी तीर्थ स्थल पर झारखंड सरकार के फैसले का विरोध, जैन समाज ने निकाली मौन रैली

झारखंड के गिरिडीह स्थित सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल बनाए जाने की अधिसूचना जारी होने के बाद पेंड्रा में जैन समाज के लोग सड़कों पर उतर आए हैं। पढ़िए पूरी खबर ...;

Update: 2022-12-21 07:45 GMT

आकाश पवार-पेंड्रा। छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में जैन समाज के लोग सड़कों पर उतरकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। जैन समाज के लोग सम्मेद शिखरजी को अपना पवित्र तीर्थ स्थल बताते हुए इसे संरक्षित करने की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं। झारखंड के गिरिडीह स्थित सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल बनाए जाने की अधिसूचना जारी होने के बाद पेंड्रा में जैन समाज के लोग सड़कों पर उतर आए हैं।

मौन रैली निकाल कर रहे हैं विरोध-प्रदर्शन

मिली जानकारी के अनुसार, पेंड्रा में हजारों की संख्या में जैन समाज की महिलाएं, पुरुष और बच्चे स्थानीय जैन मंदिर में एकत्रित होकर विरोध-प्रदर्शन करते हुए मौन रैली निकाली। वे झारखंड सरकार के विरोध में रैली निकाल कर झारखंड में पारसनाथ पर्वत राज मंदिर को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने का विरोध कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि सभी लोगों की मांग है कि अगर ये किसी प्रकार से पर्यटन स्थल घोषित हो गया तो मांस-मदिरा की बिक्री होगी। इसके बाद पेड़ों का अवैध कटान होगा, पत्थरों का अवैध खनन होगा।

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जैन समाज के लोगों ने कहा- धार्मिक आस्था पर हुआ आघात

इससे हमारे संतों का मोक्ष स्थान सम्मेद शिखर प्रदूषित हो जाएगा, इसलिए इसको रोका जाए। सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के फैसले का विरोध कर रहे लोग इसे अपनी धार्मिक आस्था पर आघात बता रहे हैं। जैन धर्म के लोगों का कहना है कि इससे पवित्र स्थल पर लोग आध्यात्मिक नहीं, मौज-मस्ती के मनोभाव से जाएंगे।


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