केपी खांडे की नियुक्ति पर छिड़ी सियासत : भाजपा आदिवासी नेताओं ने काले कपड़े पहन किया विरोध, कहा-फूट डालो और राज करो है कांग्रेस की नीति
केदार कश्यप ने कहा कि पूरे प्रदेश में निगम मंडल के रूप में अपने करीबियों को कांग्रेस ने पद दिया है। लोगों ने कहा कि ये दिवाली का उपहार है, लेकिन उन नामों के बीच से एक ऐसा नाम सामने आया जिसकी वजह से आज हम सभी जनजाति समुदाय के लोग आंदोलन कर रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर...;
रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के नेताओं को निगम मंडल में दिए जाने के मामले राज्य में फिर सियासत गरमाई है। कांग्रेस के राज्य अनुसूचित जाति आयोग का अध्यक्ष पद केपी खांडे को दिए जाने का बीजेपी ने विरोध किया है। भाजपा के आदिवासी नेताओं ने इस मामले में खुलकर विरोध किया है। रविवार सुबह भाजपा के आदिवासी नेता काले कपड़े पहनकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने पहुंचे। इसमें भाजपा के कई बड़े आदिवासी नेता शामिल थे।
इस प्रेस वार्ता में पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने राज्य सरकार काे घेरते हुए कहा कि पूरे प्रदेश में निगम मंडल के रूप में अपने करीबियों को कांग्रेस ने पद दिया है। लोगों ने कहा कि ये दिवाली का उपहार है, लेकिन उन नामों के बीच से एक ऐसा नाम सामने आया जिसकी वजह से आज हम सभी जनजाति समुदाय के लोग आंदोलन कर रहे हैं। हाईकोर्ट ने प्रदेश के आदिवासी वर्ग का आरक्षण 32 से घटाकर 20 प्रतिशत करने का आदेश दिया।
कांग्रेस के पेट में दांत है : केदार कश्यप
वहीं, उन्होंने दावा करते हुए कहा कि हाईकोर्ट में आरक्षण के मामले में लगी इस याचिका के प्रमुख याचिकाकर्ता रहे केपी खांडे को ही राज्य अनुसूचित जाति आयोग का अध्यक्ष बना दिया गया। ये कांग्रेस की दोगली नीति है, मैं तो कहता हूं कि कांग्रेस के पेट में दांत है यह सिद्ध हो गया। कांग्रेसी अंग्रेजों के वंशज हैं उन्हीं की तरह फूट डालो और राज करो इनकी नीति है। इससे इसी तरह कुणाल शुक्ला को कांग्रेस कबीर शोधपीठ का प्रमुख बना चुकी है। कांग्रेस का इतिहास है सभी समाज के धोखा देकर राज करना है।
हम आदिवासी भीख नहीं मांग रहे, हक मांग रहे हैं
केदार कश्यप ने कहा कि हम सभी लोग शांति, छत्तीसगढ़ शांति प्रिय प्रदेश है। आज हम हयां जाति से उठकर सौदाद्र पूर्ण माहौल में रहते हैं कांग्रेस ने समाज को आपस में लड़ाने का काम किया है। वास्तव में ये अंग्रेजों के ही वंशज है। अंग्रेजों के जींस इनमें हैं। इनकी नीति है फूट डालो और राज करो। कांग्रेस से कहना है कि हम आदिवासी भीख नहीं मांग रहे, हक मांग रहे हैं। वहीं, भाजपा आदिवासी नेता के मुताबिक कांग्रेस के कार्यकाल में आदिवासी आरक्षण 32 से 20 हो गया। जो लोग ऐसे मामलों पर पिटिशनर हैं उनको पद बांट रही है। एसटी मोर्चा के माध्यम गांव-गांव जाकर लोगों से अवगत कराएंगे।