121 ग्रामीणों की रिहाई पर सियासत : कांग्रेस का दावा - आदिवासियों की रिहाई सरकार के प्रयासों का नतीजा, कुंजाम बोले- केस जीतकर कोर्ट से बरी किए गए ग्रामीण

25 जवानों की हत्या मामले में 5 साल के बाद रिहा हुए 121 ग्रामीणों पर अब राजनीति गरमाती हुई नजर आ रही है। यहां एक ओर कांग्रेस इन ग्रामीणों की रिहाई को सरकार के वादा अनुरूप पूरा किया गया वादा बता रही है। वहीं इस पूरे मामले पर पूर्व विधायक ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। पढ़िए पूरी खबर...;

Update: 2022-07-21 07:56 GMT

सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के बुरकापाल में 25 जवानों की हत्या मामले में 5 साल के बाद रिहा हुए 121 ग्रामीणों पर अब राजनीति गरमाती हुई नजर आ रही है। यहां एक ओर कांग्रेस प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इन ग्रामीणों की रिहाई को सरकार के वादा अनुरूप पूरा किया गया वादा बता रही है। वहीं इस पूरे मामले पर पूर्व विधायक और सर्व आदिवासी महासभा के अध्यक्ष मनीष कुंजाम ने सीधे तौर पर कांग्रेस पर निशाना साधा है।

बीते दिनों जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी की ओर से जारी किए गए प्रेस विज्ञप्ति में अब तक कुल 1,200 निर्दोष ग्रामीणों की नक्सल मामलों में रिहाई का दावा किया गया था। इस पर मनीष कुंजाम ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रेस विज्ञप्ति जारी करने वालों को शायद कानून का ज्ञान नहीं है, जो 121 लोग रिहा हुए हैं उसमें सरकार की भूमिका कहीं भी नहीं थी। वह सभी कोर्ट के माध्यम से वकील के जरिए केस जीत कर कोर्ट के आदेश से बरी हुए हैं। अगर सरकार की मंशा होती तो 4 साल के शासन में इससे पहले ही इन्हें बिना ग्रामीणों के खर्च के रिहा करवा लेती। जिन 1,200 लोगों को जेल से छुड़वाने का दावा कांग्रेस कर रही है, वो सभी नक्सल मामलों में नहीं बल्कि शराब के मामले में जेल गए थे और यह सभी कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं। कुंजाम का आरोप है कि भूपेश सरकार अपने ही कांग्रेसियों को अपनी सरकार में छुड़वा कर आदिवासियों के नाम पर श्रेय लेने की दौड़ में है, जबकि कई निर्दोष आदिवासी नक्सल मामलों में जेल में बंद है। देखिए वीडियो-


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