प्रोफेसर ने हरिभूमि से कहा- नया म्यूटेंट नहीं आया तो अगस्त मे जिंदगी नॉर्मल, लेकिन दो खतरे भी

अगस्त ही तय करेगा कि कोरोना से जिंदगी की रफ्तार कम होगी या ज्यादा;

Update: 2021-07-04 03:12 GMT

रायपुर. अपने सटीक अनुमान के जरिए कोरोना की वैश्विक महामारी से देश को सावधान करने वाले आईआईटी कानपुर के पद्मश्री प्रोफेसर मणिन्द्र अग्रवाल ने हरिभूमि ने कहा है कि अगर वायरस अपने स्वरुप में किसी तरह का बदलाव नहीं करता है और ऐसा स्वरूप नहीं बनता कि वह वैक्सीन की प्रभाव क्षमता को भेद दे तो अगस्त से जिंदगी सामान्य हो सकती है। तीसरी लहर आएगी लेकिन वह पहली लहर जैसी सीमित हो सकती है। दूसरी लहर जैसा विनाश नहीं होगा, ऐसा आकलन है।

प्रोफेसर अग्रवाल ने अपनी टीम के साथ तीन बिंदुओं पर विश्लेषण तीसरी लहर को लेकर अपना अनुमान लगाया है। उन्होंने हरिभूमि से चर्चा में कहा कि वायरस अपना स्वरुप बदलता रहता है। लेकिन उसकी प्रचार और लोगों को बीमार करने की क्षमता अलग अलग होती है। सामान्य बदलाव से चिंता करने की जरूरत नहीं होगी। अगर आने वाले दिनों में कोई घातक म्यूटेंट नहीं आया तो वह देश में अधिक कहर नहीं बरपाएगा। वायरस के नए स्वरुप पर अगर वैक्सीन असरकारक नहीं हुई तभी स्थिति बिगड़ सकती है। प्रोफेसर अग्रवाल ने कहा कि दूसरी लहर के दौरान वायरस तेजी से संक्रमित करने वाला था अगर तीसरी लहर में ऐसा स्वरुप सामने नहीं आया तो पहली लहर की तरह हालात सामान्य हो जाएंगे और मौतें कम होंगी।

25 फीसदी संक्रमण का खतरा भी

कोरोना का अगर नया म्यूटेंट आता है तो यह 25 फीसदी ज्यादा संक्रमण वाला हो सकता है। म्यूटेंट बदलता है और यह ऐसे लोगों को भी संक्रमित करता है जिन्हें पहली अथवा दूसरी लहर में संक्रमित होने की वजह से शरीर में कोरोना के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बन चुकी है और जिनका वैक्सीनेशन हो चुका है तभी स्थिति खतरनाक हो सकती है। ऐसे हालात काफी खतरनाक होंगे। देश में 5 लाख तक संक्रमित मरीज मिल सकते हैं। हालांकि इसकी संभावना कम है।

छोटी लहर की संभावना

अपने स्वभाव के विरुद्ध अगर कोविड-19 के वायरस ने अपने स्वरुप में किसी तरह का बदलाव नहीं किया तो संभावित तीसरी लहर छोटी हो सकती है। वायरस अगर दूसरी लहर की तरह तेजी से फैलने वाला नहीं रहा तो यह कमजोर होगा और इसका ज्यादा से ज्यादा असर पहली वेब की तरह कम असरकारक हो सकती है। ऐसे में संभावना है कि देश में जिंदगी सामान्य होने लगेगी।

अगस्त का महीना अहम

वर्तमान में देश और प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर बेहद कमजोर हो चुकी है। इसकी वजह से जनजीवन सामान्य होता जा रहा है। सारे व्यापारिक प्रतिष्ठान, परिवहन के साधन, सार्वजनिक स्थल खुल चुके हैं और नियमों में ढील दी जा चुकी है। इसे देखते हुए आने वाले अगस्त माह तक अहम माना जा रहा है।

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