राजस्थान बोर्ड हटा सकता है ये कविता, अब रविवि के कुलपति को भेजा पत्र
पहली कक्षा के हिंदी विषय में शामिल कविता आम की टोकरी पर छिड़ी बहस खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार राजस्थान बोर्ड द्वारा इस कविता से छोकरी शब्द को हटाए जाने की तैयारी है। इसके साथ ही प्रदेश में भी अब इसे लेकर मांग और अधिक तेज हो गई है।;
पहली कक्षा के हिंदी विषय में शामिल कविता आम की टोकरी पर छिड़ी बहस खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार राजस्थान बोर्ड द्वारा इस कविता से छोकरी शब्द को हटाए जाने की तैयारी है। इसके साथ ही प्रदेश में भी अब इसे लेकर मांग और अधिक तेज हो गई है।
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन द्वारा इस बाबत पं. रविशंकर शुक्ल विवि के कुलपति को भी पत्र लिखा गया है। दरअसल रविवि के कुलपति प्रो. केएल वर्मा स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं। इस समिति द्वारा पाठ्यक्रम में शामिल अध्ययन सामग्री की विवेचना की जाती है, इसलिए उन्हें पत्र लिखकर पाठ्यक्रम से इसे हटाने की मांग की गई है।
अन्य राज्यों में भी अभियान तेज
निजी स्कूल एसोसिएशन द्वारा कुलपति को पत्र लिखे जाने के पूर्व एनसीईआरटी और एससीईआरटी को भी इस संदर्भ में लिखा जा चुका है। इसमें उन्होंने कविता में लड़की के लिए इस्तेमाल किए गए छोकरी शब्द पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि यह कविता बालश्रम काे बढ़ावा दे रही है।
अन्य राज्यों में भी इसे पाठ्यक्रम से हटाने के लिए अभियान तेज हो गया है। कई राज्यों में बाल संरक्षण आयोग द्वारा भी इस कविता को संज्ञान में लेते हुए जवाब मांगा गया है। हालांकि यह कविता लंबे अरसे से पाठ्यक्रम का हिस्सा है लेकिन ट्वीटर पर इस कविता के वायरल होने के बाद ही हंगामे की स्थिति निर्मित हुई है।