लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने किया दोनों ब्रिजों का लोकार्पण
राजधानी वासियों को लंबे इंतजार के बाद ट्रैफिक से राहत दिलाने के लिए तेलघानी नाका ओवरब्रिज और गोगांव अंडरब्रिज की सौगात मिली। लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने शुक्रवार को इन दोनों ब्रिज का लोकार्पण किया।;
रायपुर। राजधानी वासियों को लंबे इंतजार के बाद ट्रैफिक से राहत दिलाने के लिए तेलघानी नाका ओवरब्रिज और गोगांव अंडरब्रिज की सौगात मिली। लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने शुक्रवार को इन दोनों ब्रिज का लोकार्पण किया। इन दोनों ब्रिज के लोकार्पण से प्रतिदिन 6 लाख से अधिक लोगों को आवागमन में सुविधा मिलेगी। लोकार्पण अवसर पर संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा, महापौर ऐजाज ढेबर, विधायक सत्यनारायण शर्मा के साथ लोक निर्माण विभाग एवं रेल विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे।
आवागमन में सुविधा के साथ व्यापार में भी आएगी तेजी
दोनों ब्रिजों का लोकार्पण करते हुए लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि अब शहर वासियों को इन मार्गों से आवागमन करने में कोई तकलीफ नहीं होगी। शहर का एक कोना दूसरे कोने से जुड़ गया है, जिससे इस पार से उस पार की सीमाएं भी खत्म हो गई हैं। उन्होंने कहा कि दोनों ब्रिजों से शहर के दोनों तरफ आवागमन के साथ व्यापार और व्यवसाय भी तेजी से बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर पुराने तेलघानी ओवरब्रिज से भारी वाहनों का आवागमन बंद कर दिया गया है। इस ब्रिज से केवल दोपहिया और छोटे चारपहिया वाहन ही गुजर सकेंगे, जिससे लोगों को आवागमन में सहूलियत मिलेगी।
तेलघानी नाका 526 मीटर एवं गोगांव ब्रिज 407 मीटर लंबा
रायपुर रेलवे स्टेशन के पास बना तेलघानी नाका ओवरब्रिज की लंबाई 526 मीटर है। यह ब्रिज 35.54 करोड़ रूपए की लागत से बना है। इस ब्रिज के लोकार्पण के बाद प्रतिदिन तीन लाख से अधिक लोगों को आवागमन में सुविधा मिलेगी। इसी प्रकार उरकुरा-सरोना बायपास रेल लाइन में 15.73 करोड़ रुपए की लागत से बना गोगांव रेलवे अंडर ब्रिज 407 मीटर लंबा है। इस ब्रिज की चौड़ाई 7.5 मीटर है। इस ब्रिज के लोकार्पण से भी हर दिन तीन लाख से अधिक लोगों को सुगम यातायात की सुविधा मिलेगी। इससे रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म 6 एवं 7 के लिए सुगम यातायात उपलब्ध होगा।
इसी महीने फाफाडीह नाका अंडरब्रिज की भी मिलेगी सौगात
फाफाडीह अंडरब्रिज की सौगात भी इसी महीने मिल जाएगी। इस ब्रिज का निर्माण कार्य लगभग 95 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। शेष 5 प्रतिशत का फिनिशिंग का बचा हुआ है, जिसे 15 से 20 दिन के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद इस ब्रिज का लोकार्पण भी कर दिया जाएगा। इस ब्रिज के शुरू होने से हर रोज दो लाख से अधिक लोगों को ट्रैफिक से निजात मिलेगी।
टाटीबंध ओवरब्रिज के निर्माण में भी लग सकते हैं तीन से चार महीने
रायपुर-दुर्ग हाईवे पर बन रहे टाटीबंध चौक पर ट्रैफिक से निजात मिलने में लोगों को कई महीने और इंतजार करना पड़ेगा। इसका कारण इसका धीमा निर्माण कार्य है। एनएचएआई द्वारा करीब 120 करोड़ की लागत से तैयार किए जा रहे ब्रिज बनाने का कार्य कछुए गति से किया जा रहा है। जिला कलेक्टर ने धीमी गति से चल रहे इसके निर्माण कार्य पर नाराजगी जताते हुए जल्द इसे पूरा करने के निर्देश भी दे चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद इसके निर्माण कार्य में तेजी नहीं देखी जा रही है। जिस तरह से इस ब्रिज का निर्माण कार्य चल रहा है, उसे देखकर संभावना जतायी जा रही है कि इसका निर्माण पूर्ण होने में तीन से चार महीने और लग सकते है।
कचना ब्रिज का निर्माण कार्य भी जल्द होगा प्रारंभ
पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर एम. उरांव ने बताया कि कचना ब्रिज का निर्माण कार्य भी जल्द प्रारंभ हो सकता है। इसके निर्माण कार्य के लिए जो टेंडर जारी कर आवेदन मंगाए लिए गए हैं। हालांकि इस टेंडर के खोले जाने के विरोध में पुराने टेंडर लेने वाले ठेकेदार द्वारा हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है। इस याचिका के कारण फिलहाल टेंडर खोला नहीं गया है। उन्होंने बताया कि जिन बिंदुओं पर याचिका लगाई गई है, उसका जवाब प्रस्तुत कर दिया गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही उनके पक्ष में फैसला आ जाएगा। इसके बाद टेंडर खोला जाएगा, जिसके बाद ब्रिज का निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएगा।