घरों में डिजिटल नंबर प्लेट लगाने का काम बेहद धीमा
शहर के 3 लाख 21 हजार घरों की पहचान कराने वाले डिजिटल डोर नंबर प्लेट लगाने का काम बेहद धीमा चल रहा है। रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने डिजिटल डोर नंबर के लिए इंडससेंड बैंक के साथ अनुबंध किया है;
रायपुर। शहर के 3 लाख 21 हजार घरों की पहचान कराने वाले डिजिटल डोर नंबर प्लेट लगाने का काम बेहद धीमा चल रहा है। रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने डिजिटल डोर नंबर के लिए इंडससेंड बैंक के साथ अनुबंध किया> शुरुआती दौर में नंबर प्लेट की गुणवत्ता की शिकायत मिलने के बाद इसकी गुणवत्ता सुधारने टीम में फेरबदल कर खामियों को दुरुस्त किया गया। 2 माह में शहर के सिर्फ 20 वार्ड में नंबर प्लेट लगा पाए। 10 वार्डों में नंबर प्लेट लगाने का काम चल रहा है और 40 वार्ड में यह काम शुरू नहीं हो पाया।
मुंबई, दिल्ली, ओडिसा, तेलंगाना, मध्यप्रदेश की तर्ज पर पहली बार छत्तीसगढ़ की राजधानी में डीडीएन यानी डिजिटल डोर नंबर प्लेट के माध्यम से लोगों को उनकी संपत्ति की आईडी नि:शुल्क दी जा रही है। इसके माध्यम से करदाता घर बैठे नगर निगम के करों का भुगतान आनलाइन कर सकेंगे। मकानों में डिजिटल नंंबर प्लेट घर-घर लगाने का काम 2 माह पहले शहर में शुरू किया गया। अब तक 20 वार्ड में डिजिटल डोर नंबर प्लेट के साथ घरों की पहचान कराने वाली प्रापर्टी आईडी लोगों को नि:शुल्क उपलब्ध कराई गई है। 10 वार्डाें में नंबर प्लेट लगाने का काम चल रहा है, जबकि 40 वार्ड ऐसे हैं, जहां एक भी घर डिजिटल डोर नंबर प्लेट वाले नहीं पहुंच पाए।
3 लाख 21 हजार हाउसहोल्ड , 22 हजार खाली भूखंड किए चिन्हांकित, अब कर वसूलेंगे
रायपुर नगर निगम के 10 जोन के 70 वार्डों में 3 लाख 21 हाउसहोल्ड को घर बैठे डिजिटल डोर नंबर प्लेट नि:शुल्क मिलेगी। इसके साथ ही जीआईएस सर्वे के बाद 22 हजार खाली पड़े भूखंडों का रिकार्ड तैयार किया जा रहा है। 801 नए घर ऐसे हैं, जो अभी तक नगर निगम की करसीमा के दायरे में नहीं आ पाए। नगर निगम के राजस्व विभाग के अपर आयुक्त अरविंद शर्मा ने बताया, 22 हजार खाली पड़े भूखंडों के भूस्वामी का पता लगाने उप पंजीयक से पिछले 5 साल की रजिस्ट्री का दस्तावेज मंगाने रिमांइडर लेटर भेजा जा रहा है।
इससे पहले भी रजिस्ट्री विभाग को नगर निगम की ओर से पत्र लिखकर 22 हजार खाली भूखंडों के भूस्वामी का रिकार्ड खंगालने दस्तावेज मांगे गए। दस्तावेज प्राप्त होते ही इन भूखंडों के भूस्वामी की पहचान कर उससे कर की वसूली की जाएगी। यही नहीं, सर्वे के दौरान 801 नए मकान चिन्हांकित किए गए हैं। इनकी सूचना संबंधित जोन में भेजकर संबंधित मकान मालिकों से रजिस्ट्री तिथि से अब तक का प्रापर्टी टैक्स वसूला जाएगा।
65 लाख घरों में लगा पाए नंबर प्लेट
जीआईएस सर्वे के अनुसार 3 लाख 21 हजार करदाता नगर निगम के रिकार्ड में दर्ज हैं, जिनके यहां डिजिटल डोर नंबर प्लेट लगाई जानी है। 2 माह में मात्र 65 लाख 547 लोगों के घरों में ही संबंधित एजेंसी डिजिटल डोर नंबर प्लेट लगा पाई है, जबकि उसके पास 1,18,857 डिजिटल डोर नंबर प्लेट बनकर तैयार हैं।
नंबर प्लेट की गुणवत्ता में मिली थी शिकायत
लोगों के घरों में लगाए जाने वाले डिजिटल डोर नंबर प्लेट की गुणवत्ता को लेकर आउटर के वार्डाें में लोगों ने शिकायत की, कुछ वार्ड में खराब नंबर प्लेट भी लगा दी। नंबर प्लेट आड़ी तिरछी लगाने व इसमें गुणवत्ता की शिकायत आने पर निगम प्रशासन ने संज्ञान में लेकर संबंधित टीम में फेरबदल किया तथा इसकी मानिटरिंग का सिस्टम दुरुस्त किया गया है, इसलिए अब लोगों के घरों में सावधानी के साथ इसे लगाया जा रहा है।