Rajiv Ashray Yojana : 600 वर्गफीट तक काबिज 25 हजार गरीब बेघरों को बंटेगा निशुल्क पट्टा

राजीव आश्रय योजना (Rajiv Ashray Yojana )के तहत दो साल पहले शहरभर के कराए गए सर्वे के बाद मंगाई गई दावा-आपत्ति के निराकरण के बाद बनी सर्वे सूची (survey list)को इन दिनों जोन स्तर पर अंतिम रूप देने का काम जोर-शोर से चल रहा है। राज्य शासन की गाइड लाइन के आधार पर पात्र हितग्राहियों को सरकार अब उसी जमीन पर निःशुल्क पट्टा (free lease ) वितरित करेगी। पढ़िए पूरी खबर ...;

Update: 2023-09-21 06:52 GMT
  • दस जोन में पात्र हितग्राहियों के सूची की जोनस्तर पर अंतिम पुष्टि
  • राजीव आश्रय योजना में शासन की गाइडलाइन के आधार पर मिलेगा पट्टा

रायपुर। राजधानी में सालों से नजूल की जमीन पर झोपड़ी बनाकर रहने वाले 25 हजार पात्र परिवार को 600 वर्गफीट तक की काबिज जमीन का निःशुल्क पट्टा मिलेगा। राजीव आश्रय योजना (Rajiv Ashray Yojana )के तहत दो साल पहले शहरभर के कराए गए सर्वे के बाद मंगाई गई दावा-आपत्ति के निराकरण के बाद बनी सर्वे सूची (survey list)को इन दिनों जोन स्तर पर अंतिम रूप देने का काम जोर-शोर से चल रहा है। राज्य शासन की गाइड लाइन के आधार पर पात्र हितग्राहियों को सरकार अब उसी जमीन पर निःशुल्क पट्टा (free lease ) वितरित करेगी, जिस जमीन पर गरीब व जरूरतमंद परिवार सालों से काबिज है।रायपुर नगर निगम के 10 जोन के 70 वार्ड में चिन्हांकित 25 हजार जरूरतमंद परिवारों को 600 वर्गफीट की काबिज जमीन का पट्टा निःशुल्क वितरित किया जाएगा। ऐसे लोग जो प्रतिबंधित जगह जैसे सड़क, तालाब किनारे, नहर, रेलवे पटरी किनारे या सार्वजनिक उपयोग की जमीन पर रह रहे हैं, उन्हें पट्टा नहीं दिया जाएगा। सालों से आवास के लिए पट्टा की मांग कर रहे गरीब व आवासीहीन परिवारों को उनकी काबिज 600 वर्गफीट नजूल की जमीन पर पात्रता के आधार पर प्रदेश सरकार निःशुल्क पट्टा बांटने की तैयारी में है।

सूत्रों के मुताबिक 2 साल पूर्व जोनस्तर पर कराए गए सर्वे को आधार मानकर राजीव आश्रय योजना के तहत रायपुर शहर में 25 हजार लोगों को निःशुल्क पट्टा बांटा जाएगा। सूची को अंतिम रूप देने का काम जोन स्तर पर किया जा रहा है।नजूल की सरकारी जमीन पर सालों से काबिज लोगों की पात्रता परीक्षण के लिए संबंधित क्षेत्र के पटवारी, राजस्व निरीक्षक, सहायक राजस्व निरीक्षक की टीम बनाकर सभी जोन में सर्वे कराया गया। इसमें जोन कमिश्नर को नोडल अधिकारी, पर्यवेक्षक के रूप में अतिरिक्त तहसीलदार, नायब तहसीलदार को टीम में रखा गया। निर्धारित प्रारूप में राजस्व विभाग के कर्मचारी और नगर निगम की टीम ने शासन की गाइड लाइन के हिसाब से सर्वे कर पात्र-अपात्र लोगों की सूची तैयार की। जिला कलेक्टर के निर्देश पर सभी जोन में इसके लिए दावा आपत्ति भी मंगाई गई। पहले यह तय हुआ कि पात्र परिवारों को सशुल्क पट्टा दिया जाएगा। 15 रुपए प्रति वर्गफीट दर से शुल्क लेकर गरीबों को पट्टा बाटा जाना था। बाद में कैबिनेट की बैठक में प्रदेश सरकार ने यह निर्णय लिया कि 600 वर्गफीट के तक काबिज पात्र हितग्राही को निःशुल्क पट्टा वितरित किया जाएगा।

इस तरह की मिली खामियां

सूत्रों के मुताबिक सर्वे सूची को लेकर दावा-आपत्ति मंगाने के बाद कई तरह की खामियां सामने आईं। मसलन कुछ प्रकरण ऐसे रहे, जिसमें मकान किसी का और था और काबिज व्यक्ति कोई दूसरा रहा। कई परिवार में बंटवारा के कारण काबिज मुखिया बदल गया। कुछ प्रकरण में संबंधित व्यक्ति की मृत्यु हो गई। कुछ जगह जिसके नाम से आवास था, वहां कोई दूसरा रह रहा था। इसके कारण जांच पड़ताल के काम में देर हुई। खामियों को दुरुस्त करने के बाद अब पात्र-अपात्र हितग्राहियों के सूची की अंतिम पुष्टि जोन स्तर पर की जा रही है।

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