रथयात्रा : राजधानी में पुरी की तरह सजाया गया भगवान जगन्नाथ, बलदेव और सुभद्रा जी के रथों को, भगवान को रथ तक लेकर गईं राज्यपाल, मुख्यमंत्री ने लगाया स्वर्ण झाड़ू

जगन्नाथ महाप्रभु की रथयात्रा एक ऐतिहासिक रथयात्रा है, जो सीधे भगवान को भक्तों से जोड़ता है। भगवान जगन्नाथ ही एक मात्र ऐसे देव हैं जो मंदिर से बाहर आकर अपने भक्तों के बीच जाते हैं और लोगों को दर्शन देते हैं।;

Update: 2022-07-01 11:17 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा शुक्रवार को बड़े धूमधाम से निकाली जा रही है। कुछ ही देर में रथ यात्रा शुरू होने वाली है। राजधानी के गायत्री नगर में स्थित जगन्नाथ मंदिर के पास पुरी की ही तरह रथों को सजाया गया है। भगवान इसकी सवारी करेंगे। इसके बाद महाप्रभु के महापर्व से जुड़ी छटा लोगों को देखने को मिलेगी। वहीं राज्यपाल अनुसुइया उइके भगवान जगन्नाथ को प्रथम सेवक के रूप में रथ तक लेकर पहुंची हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छर पहनरा की रस्म की और स्वर्ण झाड़ू से रास्ता साफ किया। इससे पहले मुख्यमंत्री ने भगवान की आरती उतारी और मंदिर में हवन किया।

3 रथों पर निकलेंगे भगवान जगन्नाथ, बलदेव और सुभद्रा

बता दें कि जगन्नाथ महाप्रभु की रथयात्रा एक ऐतिहासिक रथयात्रा है, जो सीधे भगवान को भक्तों से जोड़ता है। भगवान जगन्नाथ ही एक मात्र ऐसे देव हैं जो मंदिर से बाहर आकर अपने भक्तों के बीच जाते हैं और लोगों को दर्शन देते हैं। गायत्री नगर जगन्नाथ मंदिर से बाहर जब महाप्रभु को कांधों में लेकर पुजारी सीढ़ियों से उतरे तो ये नजारा विहंगम रहा। मंदिर के गुंबद आसमान भक्तों की भीड़ और भगवान की छटा से नाजारा अलौकिक लगा। रायपुर में आयोजन समिति ने गायत्री नगर में तीन रथ तैयार करवाए हैं। इसी तरह पुरी में भी रथ यात्रा निकलती है। जिस रथ में जगन्नाथ विराजेंगे उसे 'नंदीघोष कहा जाता है। भाई बलराम जी के रथ का नाम 'तालध्वज' है, बहन सुभद्रा जी 'दर्पदलन' रथ पर सवार होती हैं।

पुरी की तर्ज पर बिलासपुर-बस्तर में भी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा

बिलासपुर और बस्तर सहित कई जिलों में भी पुरी की तर्ज पर भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाएगी। बिलासपुर में 16 फीट लंबा, 17 फीट ऊंचा और 12 फीट चौड़ा रथ बनाया गया है। बस्तर में भी भगवान जनकपुरी स्थित गुंडिचा मंदिर में अपनी मौसी के घर जाएंगे। देखिए वीडियो- 


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