CG News : छत्तीसगढ़ के इस गांव में होती है रावण की पूजा, बंटता है प्रसाद... पढ़िए क्यों पूजे जाते हैं यहां रावण बाबा
गांव में साल के 12 महीने रावण बाबा की पूजा की जाती है। गांव में रहने वाले लोग शरीर पर टैटू गुदवाकर जय लंकेश, जय रावण बाबा लिखवाते हैं। यहां के लोगों के वाहनों, मकानों और दुकानों पर भी जय लंकेश या फिर जय रावण लिखा होता है और गांव में दशहरा के मौके पर रावण की पूजा-अर्चना की जाती है और विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है। पढ़िए पूरी खबर...;
हेमंत वर्मा-धरसींवा। राजधानी रायपुर के ब्लाक मुख्यालय धरसींवा से 5 किलोमीटर दूर मोहदी गांव में रावण बाबा की भव्य मूर्ति है और वे इस गांव की कुल देवता है। गांव में किसी के घर में शादी हो या कोई नए काम की शुरुआत होती है तो यहां सबसे पहले रावण बाबा(Ravana Baba) की पूजा होती है। आज पूरे देश में विजयादशमी का त्योहार मनाया जा रहा है और जगह-जगह रावण के पुतलों का दहन किया जाएगा। ऐसे में एक गांव ऐसा भी है जहां दशहरे पर रावण की भव्य पूजा-आरती की जाती है। ग्रामीणों के अनुसार रावण बाबा की मूर्ति लगभग 95 वर्ष से विराजमान है।
बातचीत के दौरान ग्रामीणों ने बताया कि, मोहदी गांव में साल के 12 महीने रावण बाबा की पूजा की जाती है। गांव में रहने वाले लोग शरीर पर टैटू गुदवाकर जय लंकेश, जय रावण बाबा लिखवाते हैं। यहां के लोगों के वाहनों, मकानों और दुकानों पर भी जय लंकेश या फिर जय रावण लिखा होता है और गांव में दशहरा के मौके पर रावण की पूजा-अर्चना की जाती है और विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है। गांव में रामलीला का मंचन भी होता है और बुराई का पुतला जलाते है। गांव के लोगों की रावण के प्रति भक्ति देखकर लोग आश्चर्यचकित हो जाते हैं।