सुसाइडल कोशिश में रिकार्ड 12,908 केस, खुदकुशी की कोशिश में रायपुर अव्वल
प्रदेश में इमरजेंसी सेवा के दौरान पीड़ितों की मदद में तैनात किए गए डायल 112 के जवान सबसे ज्यादा सुसाइडल केस में उलझे हुए हैं। आलम कुछ इस तरह से है कि हर दो से तीन दिन में आत्महत्या और फिर आत्महत्या की कोशिश के मामले में क्विक रिस्पांस वैन दौड़ लगा रही है। लगभग तीन साल के आंकड़ों में सुसाइडल की कोशिश में ही रिकार्ड 12908 केस सामने आए हैं, जहां पुलिस वालों ने मौके पर रेस्क्यू करते हुए पीड़ितों की जान बचाई है।;
रायपुर. प्रदेश में इमरजेंसी सेवा के दौरान पीड़ितों की मदद में तैनात किए गए डायल 112 के जवान सबसे ज्यादा सुसाइडल केस में उलझे हुए हैं। आलम कुछ इस तरह से है कि हर दो से तीन दिन में आत्महत्या और फिर आत्महत्या की कोशिश के मामले में क्विक रिस्पांस वैन दौड़ लगा रही है। लगभग तीन साल के आंकड़ों में सुसाइडल की कोशिश में ही रिकार्ड 12908 केस सामने आए हैं, जहां पुलिस वालों ने मौके पर रेस्क्यू करते हुए पीड़ितों की जान बचाई है।
जब सूचना मिली है, तब जवान कभी मोबाइल टावरों पर चढ़े हैं या फिर नदी-पुल की गहराई में कूदकर पीड़ित की जान बचाई है। डायल 112 की इमरजेंसी सेवा के दौरान क्रिमिनल केस के साथ आत्महत्या और किसी कारणों से जान गंवाने की कोशिश करने वाले केस के ग्राफ ने काफी हद तक चौंकाया है। प्रदेशभर से मिले आकड़ों में आत्महत्या के लिए प्रेरित करने, आत्महत्या कर लेने और फिर ऐसे लोग जो किसी भी कारणों से निराश होकर मौत को गले लगाने कहीं पुल-नदी और मोबाइल टावरों में चढ़े हैं, ऐसे मामलों का ग्राफ 16,187 तक पहुंचा है। पुलिस की डायल 112 में पहुंची पीसीआर टीम की जांच में 164 मामले ऐसे पकड़े हैं, जिसमें यह भी सामने आया है कि आत्महत्या करने के लिए पीड़ितों को किसी ने किसी वजह से उकसाया भी है। हालांकि रेस्क्यू के दौरान इस तरह की रिपोर्ट सामने आने पर केस की फाइलें संबंधित थानों को भेजी गई हैं।
खुदकुशी की कोशिश में रायपुर अव्वल
आत्महत्या संबंधी मामलों में सबसे ज्यादा रायपुर जिले में केस सामने आए हैं। मरने की कोशिश में सबसे ज्यादा प्रकरण राजधानी में 2933 दर्ज किए गए हैं। बता दें राजधानी में ही पुलिस ऐसे 729 केस में मौके पर पहुंची है, जहां लोगों ने किसी कारण से सुसाइड किया है। सूचना मिलने पर जब तक रेस्क्यू हो पाता, लोगों ने अपनी जानें गंवाई।
जिलों में सुसाइडल कोशिश का ऐसा रिकार्ड, जब दौड़कर जानें बचाईं
बस्तर - 401
बिलासपुर - 2033
दुर्ग - 1777
जांजगीर चांपा - 1314
कबीरधाम - 404
कोरबा - 969
महासमुंद - 904
रायगढ़ - 1146
रायपुर - 2165
राजनांदगांव - 1072
सरगुजा - 723
कुल - 12,908
(आंकड़े 1 सितंबर 2018 से 20
जून 2021)
केस-01
बिलासपुर के कोनी थाना क्षेत्र में पीसीआर यूनिट ने टावर में चढ़े एक युवक की जान बचाई। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद युवक को नीचे उतारा जा सका। युवक मानसिक तनाव के कारण टावर में चढ़ गया था। स्थनीय लोगों ने जब सूचना दी, तब डायल 112 के जवान मौके पर पहुंचे।
केस-02
शांतिनगर में एक युवक के पेड़ पर फंदा बांधकर झूलने की खबर मिलने पर पीसीआर टीम दौड़ी। यहां युवक की संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिलते ही यूनिट को पहले अलर्ट किया गया। दोपहर बाद मिली सूचना में युवक फंदे पर झूलने वाला ही था कि पुलिस जवान के पहुंचने पर उसे बचाया जा सका।