नियमितीकरण : 18 कर्मचारी संगठनों ने कसी कमर, सोशल मीडिया पर छाया अनियमित आंदोलन
जब-जब इंसानियत का शोषण बढ़ा है, तब-तब इंसान ने इतिहास गढ़ा है…हम कर गुजर जाएंगे ऐसा काम, कि मिट जाएगी कइयों की हस्तियां….जनता करेगी याद हमें और देगी धन्यवाद….धोखा देने वालों की उजड़ जाएगी बस्तियां…..स्वयं को भगवान समझने की गलती न करें….वक्त सब का आता है। ये तमाम पंक्तियां छत्तीसगढ़ के अनियमित कर्मचारियों के द्वारा सोशल मीडिया में पोस्ट की गई हैं। नियमितीकरण की मांग को लेकर लंबे समय से गुहार लगा रहे कर्मचारियों की सरकार के प्रति नाराजगी सचमुच कितनी है, यह तो 11 जुलाई और उसके बाद पता चलेगा, लेकिन अभी फिलहाल जिस प्रकार की सक्रियता और आक्रोश सोशल मीडिया में दिख रहा है, वह आक्रामक ही नहीं, विस्फोटक भी लग रहा है। पढ़िए पूरी खबर-;
रायपुर। छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ समेत लगभग डेढ़ दर्जन कर्मचारी संगठनों के द्वारा आगामी 11 जुलाई को जिस आंदोलन का आगाज किया जा रहा है, वह लंबा और जोरदार ढंग से जारी रह सकता है। दरअसल, बार-बार ज्ञापन, धरना, प्रदर्शन, रैली, हड़ताल आदि कर-करके थक चुके इन कर्मचारियों ने इस बार चरणबद्ध आंदोलन का मन बनाया है। सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से इसका प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है।
आपको बता दें, कि 11 जुलाई को जो मशाल रैली जिला मुख्यालयों मे प्रस्तावित है, उसमें लगभग 18 घटक संगठनों के भी शामिल होने की जानकारी मिली है। इन घटक संगठनों में पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय बिलासपुर कर्मचारी संघ, छत्तीसगढ़ नवीन व्यवसाय प्रशिक्षक कल्याण संघ, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण कर्मचारी कल्याण संघ, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल कर्मचारी कल्याण संघ, छत्तीसगढ़ संविदा प्रशिक्षण अधिकारी कल्याण संघ, आत्मा कर्मचारी संघ, छत्तीसगढ़ राज्य समर्थन मूल्य धान खरीदी कंप्यूटर ऑपरेटर संघ, छत्तीसगढ़ कंप्यूटर शिक्षक संघ, एकीकृत बाल संरक्षण योजना संविदा कर्मचारी संघ, छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ, छत्तीसगढ़ उद्यानिकी अनियमित कर्मचारी संघ, छत्तीसगढ़ शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था मेहमान प्रवक्ता कल्याण संघ, छत्तीसगढ़ एकलव्य विद्यालय अतिथि शिक्षक संघ, प्लेसमेंट कर्मचारी कल्याण संघ नगर निगम रायपुर, छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण कर्मचारी संघ और छत्तीसगढ़ प्रदेश अनुदेशक/भृत्य कल्याण संघ आदि संगठन शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ के सूत्रों से जानकारी मिली है कि 11 जुलाई को नियमितीकरण समेत तमाम मांगों को लेकर अनियमित कर्मचारी जिलों में मशाल रैली निकालेंगे। जहां कोविड-19 प्रोटोकॉल के पालन की जरूरत है, वहां कर्मचारियों ने वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर प्रदर्शन की भी प्लानिंग की है। इस बार आंदोलन को बेहद रणनीति के साथ प्लान किया जा रहा है। आपको बता दें कि ट्विटर (Twitter), फेसबुक (Facebook), इंस्टाग्राम (Instagram), टेलीग्राम (Telegram), व्हाट्सअप (WhatsApp), स्नैपचैट (Snapechat) आदि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने आंदोलन की प्लानिंग और रणनीति को शेयर करते हुए अनियमि कर्मचारी सरकारों के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त करने में भी कोई कमी नहीं कर रहे हैं।