स्टील उद्योग को सस्ती बिजली मिलने के खिलाफ जनसुनवाई में याचिका लगाएंगे रिटायर इंजीनियर्स
प्रदेश के स्टील उद्योग को लोड फैक्टर के कारण मिलने वाली सस्ती बिजली के खिलाफ रिटायर इंजीनियर्स एसोसिएशन ने नए टैरिफ के लिए होने वाली जनसुनवाई में याचिका लगाने का फैसला किया है।;
रायपुर। प्रदेश के स्टील उद्योग को लोड फैक्टर के कारण मिलने वाली सस्ती बिजली के खिलाफ रिटायर इंजीनियर्स एसोसिएशन ने नए टैरिफ के लिए होने वाली जनसुनवाई में याचिका लगाने का फैसला किया है। एसाेसिएशन का कहना है पॉवर कंपनी को इस सत्र में करीब हजार करोड़ का घाटा होने वाला है। अगर नए सत्र में भी लोड फैक्टर को नहीं बदला गया, तो फिर से हजार करोड़ का और घाटा हाेगा। लोड फैक्टर के कारण स्टील उद्योग को 6.10 रुपए टैरिफ वाली बिजली 4.58 यूनिट में मिल रही है।
प्रदेश में स्टील उद्योग ऐसा है, जो सबसे ज्यादा बिजली खरीदता है। उद्योग हमेशा से ही बिजली महंगी होने का रोना रोता रहता है। सरकार के पास उद्योगों के बंद होने की गुहार लगाकर कई बार ऊर्जा शुल्क में छूट भी ले ली गई है, लेकिन चल रहे सत्र में लोड फैक्टर का ऐसा खेल हो गया, जिसके कारण स्टील उद्योग की पूरी चांदी हो गई है। हालांकि स्टील उद्योग से जुड़े कारोबारी इस बात काे नकारते हैं कि उनको फायदा हो रहा है। इनका कहना है उनकाे सभी शुल्क मिलाकर बिजली छह रुपए प्रति यूनिट से भी ज्यादा पड़ती है। अगर इनकी बात मान ली जाए, ताे भी इनकी बिजली तो घरेलू बिजली से सस्ती ही हुई, क्योंकि 400 यूनिट से ज्यादा खपत करने पर साढ़े सात रुपए से ज्यादा देने पड़ते हैं।
छूट में कर दिया 17 फीसदी का इजाफा
स्टील उद्योग के लिए एक लोड फैक्टर तय है। जिस प्लांट ने जितने किलो वाॅट का कनेक्शन लिया है, उसमें लोड के उपयोग के अनुसार उसके टैरिफ में प्रतिशत कम किया जाता है। पिछले साल यह 63 से 70 प्रतिशत था। यानी 64 प्रतिशत का उपयोग करने वालों को टैरिफ में एक प्रतिशत की छूट मिली, इसी तरह से 70 फीसदी तक उपयोग करने वालों को 8 फीसदी छूट मिली, लेकिन इस बार इसमें खेल करते हुए इसको 50 से 75 प्रतिशत करके 25 फीसदी तक छूट का प्रावधान कर दिया गया है। यानी 17 फीसदी का इजाफा किया गया है।
6.10 रुपए की बिजली मिल रही 4.58 रुपए में
बड़े उद्योगों का जितने मेगावाट का कनेक्शन है, उसका आसानी से ये 70 से 75 फीसदी तक उपयोग कर लेते हैं। 75 फीसदी उपयोग का मतलब यह है कि 6.10 प्रति यूनिट का टैरिफ सीधे-सीधा 25 फीसदी छूट के कारण 1.52 रुपए कम होकर 4.58 रुपए हो जाना। यही हो रहा है जिसके कारण स्टील उद्योगों को सस्ती कीमत पर बिजली मिल रही है। जिनका उपयोग 60 फीसदी होता है उनको दस फीसदी का फायदा मिल रहा है। लगाएंगे याचिका रिटायर इंजीनियर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष और नियामक आयोग के पूर्व सचिव पीएन सिंह का कहना है, स्टील उद्योग को फायदा पहुंचाने के लिए बनाए गए लोड फैक्टर के खिलाफ जनसुनवाई में दस्तावेजों बिजली नियामक आयोग में टैरिफ तय होने से पहले याचिका लगाएंगे।