मदकूद्वीप में जिमी कांदा खाएंगे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, भाटापारा से बुलाए गए हैं स्पेशल कुक
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के शुक्रवार को छत्तीसगढ़ प्रवास को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। मुंगेली जिले के मदकूद्वीप में आयोजित होने वाले भव्य कार्यक्रम की तैयारियां मंच और अतिथियों के स्तर पर पूरी हो ही चुकी है, आज आरएसएस प्रमुख के भोजन संबंधी तैयारियां भी लगभग पूरी कर ली गई। खबरों के अनुसार, भाटापारा से खास रसोइए बुलाए गए हैं, जो संघ प्रमुख के लिए जिमी कांदा की सब्जी बनाएंगे। पढ़िए पूरी खबर-;
रायपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत शुक्रवार को छत्तीसगढ़ प्रवास पर हैं। संघ की सभी आनुषांगिक इकाईयां उसकी तैयारी में जुटे हैं। बताया जा रहा है, मोहन भागवत मदकू द्वीप में धर्मांतरण, पर्यावरण सुरक्षा और ग्राम विकास पर स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे। धर्मांतरण के मुद्दे पर स्थानीय पदाधिकारियों से रिपोर्ट लेंगे। उनकी भोजन व्यवस्था के लिए भाटापारा से विशेष रसोइयों को बुलाया गया है। बताया जा रहा है, भोजन में विशेष रूप से जिमिकांदा की सब्जी पकाई जाएगी।
मुंगेली जिला संघचालक अशोक तिवारी ने बताया, सर संघचालक का आगमन सामाजिक समरसता का कार्यक्रम है। सभी समाज प्रमुखों और संघ के अनुषांगिक संगठनों को आमंत्रित किया गया है। मदकू द्वीप की सामाजिक महत्ता को बताने सभी समाज प्रमुखों को आमंत्रित किया गया है। उन्होंने बताया, मदकू द्वीप में शुक्रवार को तीन कार्यक्रम होंगे। सामूहिक भोज, निमित्त घोष वादन और सर संघचालक का उद्बोधन। शिवनाथ नदी में द्वीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का समापन होगा। संघ के पदाधिकारी वाट्सअप पर संदेश लिखकर स्वयंसेवकों को आमंत्रित कर रहे हैं। 3 बजे से निमित्त घोष प्रदर्शन के दौरान RSS प्रमुख के लिए विशेष मंच तैयार किया गया है।
घोष वादन को जानें : निमित्त घोष के दौरान 7 प्रकार के वाद्ययंत्रों आनक, शंख, झल्लरी, बंशी, प्रणव, ट्रैंगल और नागांग को खास लय-ताल में बजाया जाता है। मार्चपास्ट के साथ इस बैंड को बजाया जाता है। मदकूद्वीप में 3 बजे से घोष वादन होना है।
मदकूद्वीप का महत्व : मुंगेली के मदकू द्वीप को पुरातत्व विभाग का संरक्षण प्राप्ती हैं। यहां धूमेश्वकर महादेव मंदिर, श्रीराम मंदिर, श्री राधा कृष्ण मंदिर, श्री गणेश मंदिर और श्री हनुमान मंदिर देखने योग्य हैं। यहां का मसीही मेला सबसे बड़ा आयोजन है। हर साल क्रिसमस के मौके पर हजारों इसाई धर्मावलंबी मसीही मेले में जुटकर जश्न मनाते हैं।