आरक्षण पर बवाल : संशोधन विधेयक पर राज्यपाल के नहीं हुए हस्ताक्षर, अब बयानबाजी का दौर शुरू
चार दिन बाद भी राज्यपाल द्वारा पारित प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए जाने को लेकर भाजपा और कांग्रेस अपने अपने तर्क पक्ष बयान देने लगे हैं।;
रायपुर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के भानुप्रतापुर में संपन्न हुए विधानसभा के उप चुनाव के बाद भी भाजपा कांग्रेस में जुबानी जंग अब भी छिड़ी हुई है। आरक्षण का मुद्दा आज भी गर्म है। हाल ही में छत्तीसगढ़ विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित संशोधित आरक्षण विधेयक को राज्यपाल के हस्ताक्षर के लिए भेजा गया है, चार दिन बाद भी राज्यपाल द्वारा पारित प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए जाने को लेकर भाजपा और कांग्रेस अपने अपने तर्क पक्ष बयान देने लगे हैं।
मंत्री लखमा ने कहा - राज्यपाल जरूरी हस्ताक्षर करेंगी
चार दिन बाद भी आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर न होने पर मंत्री कवासी लखमा ने अपने बयान में कहा कि, राज्यपाल महिला हैं और महिलाएं समझदार होती हैं। किसी का कितना भी दबाव आये, महिलाएं ठान लेती हैं, तो वो जरूर करती हैं। ऐसी पहली महिला हैं, जो 20 हजार से भी अधिक आदिवासियों से मिली हैं। मुझे पूरी उम्मीद हैं, हस्ताक्षर पक्का करेंगी, राज्यपाल ने खुद आरक्षण पर सार्वजनिक लेटर लिखाया था, जरूर हस्ताक्षर करेंगी।
हम जीतेंगे भानुप्रतापपुर उप चुनाव : मंत्री लखमा
भानुप्रतापपुर के परिणाम को लेकर मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि वहां कांग्रेस की जीत होगी। कार्यकर्ता उत्सव मनाएंगे, स्वर्गीय मनोज मंडावी की लोकप्रियता से जीत मिलेगी, जो काम बीजेपी ने 15 सालों में नहीं किए, वह कांग्रेस ने किया, इसलिए कांग्रेस के पक्ष में परिणाम आएंगा।
पूर्व मंत्री केदार कश्यप के बयान पर मंत्री कवासी लखमा का पलटवार
आरक्षण विधेयक पर जुबानी जंग जारी। पूर्व मंत्री केदार कश्यप के बयान पर मंत्री कवासी लखमा ने पलटवार में कहा-मैं आदिवासी व्यक्ति जो गरीब घर में पैदा हुआ, केदार कश्यप की तरह उनके पिता की वजह से राजनीति में नहीं आया। बीजेपी सरकार के समय में 700 गांव खाली हुए। आदिवासी लोगों के साथ बलात्कार हुआ। 3 हजार स्कूल बंद हुए। उन्हें थोड़ी भी शर्म है, तो वे राजनीति छोड़ दे। मैं अपनी बात पर कायम हूं, मुझे इस्तीफा देने में कोई शर्म नहीं, अब तुम्हारी बारी है करके दिखाओ...नहीं तो बस्तर छोड़ दो, मैं भी छोड़ दूंगा। ऐसे व्यक्ति को बस्तर के लोगों से माफी मांगनी चाहिए, फिर कवासी लखमा से बात करे। विदित हो कि केदार कश्यप ने कवासी लखमा से इस्तीफे की मांग की थी।
बृजमोहन की राजनीति का आखिरी पड़ाव : मंत्री लखमा
बीजेपी ने भानुप्रतापुर उपचुनाव में कांग्रेस पर षडयंत्र का आरोप लगाया तो, मंत्री कवासी लखमा ने बृजमोहन अग्रवाल को घेरा। मंत्री ने कहा बृजमोहन अग्रवाल ने महासमुंद में गड्ढा करवाया है, जमीन को लुटा है, वे राजनीति के आखरी पडाव पर है, चुनाव खत्म हो गया, लेकिन उनका जोश खत्म नहीं हुआ । बृजमोहन अग्रवाल को यह भी पता है कि भानुप्रतापपुर में प्रत्याशी चयन के बाद 3 बड़े लोगों को डांट पड़ी है। बृजमोहन को प्रभारी बनाकर फंसाया गया है, दिल्ली हाईकमान की नजर भाजपा पर है।
कांग्रेस का राजनीतिक उद्देश्य था आरक्षण : पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर
आरक्षण विधेयक पर मंत्री कवासी लखमा के बयान पर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने अपने बयान में कहा-राजभवन का उद्देश्य पवित्र हैं, आगे चलकर कोई संकट न आए, इसलिए इस मामले पर गंभीरता दिखा रही है, कांग्रेस का राजनीतिक उद्देश्य था चुनाव सामने था, इसलिए आरक्षण लेकर आए पवित्र अपवित्र उद्देश्य में अंतर होता हैं। सरकार से उम्मीद हैं कि उनकी सरकार रह गई तो आगे गम्भीरता दिखाए।