संयम ने चुना संयम का मार्ग: सारी सुख-सुविधाओं का त्याग कर संयम बनें जैन मुनि
मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (MCB) जिले के संयम, जैन मुनि बने। उन्होंने पारिवारिक और सांसारिक मोह का त्याग कर यह फैसला लिया। पढ़िए पूरी खबर...;
रविकांत सिंह राजपूत-मनेन्द्रगढ़। छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (MCB) जिले के संयम जैन, जैन मुनि (jain muni) बने। उन्होंने पारिवारिक और सांसारिक मोह का त्याग कर यह फैसला लिया। बता दें कि, संयम जैन चिरमिरी (chirmiri) बड़ा बाजार प्रतिष्ठित व्यापारी मिंटू जैन के इकलौते बेटे हैं। वे सरगुजा (sarguja) संभाग के पहले युवा हैं जो सांसारिक सुखों का त्याग कर जैन मुनि (jain muni) बने।
बता दें कि, चिरमिरी (chirmiri) बड़ा बाजार के प्रतिष्ठित जैन परिवार के व्यापारी सुनील जैन (मिंटू) के इकलौते बेटे संयम जैन ने सांसारिक सुखों का त्याग करते हुए विधि-विधान के साथ जैन मुनि (jain muni) बनने का फैसला लिया है। वे सरगुजा (sarguja) संभाग के पहले युवा हैं जिन्होंने अपना सबकुछ त्याग कर आध्यात्म को अपनाया है।