शंकराचार्य ने कही बड़ी बात : शांत छत्तीसगढ़ में अशांति का वातावरण फैला रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी शरणार्थी, सरकार इस पर ध्यान दे

अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने समलैंगिकता को लेकर कहा कि, समलैंगिकता का कानून विचाराधीन नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे विचाराधीन बना दिया और इसे वैध कर दिया। जो पहले अपराध की श्रेणी में आता था उसे खत्म कर दिया गया। पढ़िए पूरी खबर...;

Update: 2023-05-08 10:21 GMT

संजय यादव/कवर्धा। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस में एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। इस बार शंकराचार्य ने छत्तीसगढ़ में धार्मिक विवाद और अशांति को लेकर सरकार को सजग रहने कहा है। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ जैसे शांत प्रदेश में अशांति का वातावरण रोहिंग्या और बांग्लादेशी शरणार्थियों की ओर से फैलाई जा रही है। वो यहां पर आकर जमीन खरीद रहे हैं, घर बना रहे हैं और आग लगाने का काम कर रहे हैं। इसके कारण प्रदेश में अशांति पनप रही है। इसका मूल कारण रोहिंग्या और बांग्लादेशी शरणार्थी हैं, जिनके कारण यहां धार्मिक विवाद उत्पन्न होता है। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। देखिए वीडियो-

परंपरा और संस्कृति पर हस्तक्षेप ना करे सुप्रीम कोर्ट : शंकराचार्य सरस्वती

समलैंगिकता को लेकर कहा कि, समलैंगिकता का कानून विचाराधीन नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे विचाराधीन बना दिया और इसे वैध कर दिया। जो पहले अपराध की श्रेणी में आता था उसे खत्म कर दिया गया। इस पर अंबेडकर वादी लोगों ने भी कुछ नहीं कहा, जिस चिज का अंबेडकर विरोध करते थे। शंकराचार्य सरस्वती ने सुप्रीम कोर्ट को सावधान होने के साथ-साथ परंपरा और संस्कृति पर हस्तक्षेप ना करने की बातें कही। देखिए वीडियो-


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