स्पेशल रिपोर्ट: मरीजों की थाली से दूध, अंडा और फल गायब, परिजन घर से ला रहे खाना

अव्यवस्था का खामियाजा भुगत रहे मरीज, जिम्मेदार व्यवस्था को दुरुस्त करने में नाकाम। शिकायत मिलने पर पड़ताल के लिए पहुंची टीम को मरीजों को दिए जाने वाले भोजन में भारी गड़बड़ी मिली। कैंटीन का ठेका बिलासपुर की केशरवानी फर्म के नाम, प्रति मरीज के 100 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से होता है भुगतान। फिर भी थाली से दूध, अंडा और फल गायब.. पढ़िए स्पेशल रिपोर्ट..;

Update: 2021-12-18 08:43 GMT

बेमेतरा: जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती मरीजों को तय मेन्यू के अनुसार भोजन नहीं दिया जा रहा है। आलम यह है कि दूध, अंडा और फल तो मिलना दूर, सब्जी, चावल और दाल की मात्रा में भी कटौती की जा रही है। अस्पताल में निर्धारित मेन्यू का पालन नहीं किया जा रहा है। इस अवस्था पर अस्पताल प्रबंधन ने अनभिज्ञता जाहिर की है। स्पष्ट है कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। मूलभूत सुविधाओं के बाद अब मरीजों के परिजन ने अस्पताल में मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए हैं। शिकायत मिलने पर पड़ताल के लिए पहुंची टीम को मरीजों को दिए जाने वाले भोजन में भारी गड़बड़ी मिली है। नतीजतन नाराज कई परिजन घर से खाना लेकर आ रहे हैं। अस्पताल प्रबंधन की ओर से नियुक्त भोजन प्रभारी के संबंध में पूछने पर सिविल सर्जन डॉ वंदना भेले ने अनभिज्ञता जाहिर की। स्पष्ट है कि जिम्मेदार व्यवस्था को दुरुस्त करने में नाकाम रहे हैं ।

प्रसव के लिए भर्ती महिलाओं को दूध, अंडा और फल देना जरूरी

डॉ. वाय के दुबे के अनुसार मरीजों में कैल्शियम, जिंक मल्टी विटामिन और मिनरल्स की कमी को दूर करने के लिए अंडा, दूध और फल देना जरूरी है। अंडा से कैल्शियम और जिंक, दूध से कैल्शियम व फल से मल्टी विटामिन और मिनरल्स की कमी दूर होती है, इसलिए अस्पताल में भर्ती मरीजों को भोजन में यह तीनों खाद्य देना जरूरी है, खासकर प्रसव के लिए भर्ती महिलाओं को, लेकिन 100 बिस्तर अस्पताल में खुलेआम मेन्यू की धज्जियां उड़ाई जा रही है।

प्रति मरीज के लिए 100 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से होता है भुगतान

जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों को तय मेन्यू के अनुसार निशुल्क भोजन दिया जाना है, जिसमें नाश्ता, दोपहर व रात्रि का भोजन दिनवार तय मेन्यू अनुसार दिया जाता है। बीते कई महीनों से मरीजों को दूध अंडा और फल नहीं दिया जा रहा है। प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार कैंटीन संचालक को प्रति मरीज के लिए 100 रुपए प्रतिदिन भुगतान किया जाना है। जिला अस्पताल में कैंटीन का ठेका बिलासपुर की केशरवानी फर्म को दिया गया है।

खाने में दाल, चावल और रोटी

जिला अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे मरीज ईश्वर दास ग्राम बघुली ने बताया कि खाने में दाल, चावल, दो रोटी और एक सब्जी के अलावा कुछ भी नहीं दिया जा रहा है। अंडा, दूध और फल एक बार भी नहीं दिया गया है।

नहीं मिलते अंडा और फल : अस्पताल में भर्ती नीलू यादव ग्राम जेवरी ने बताया कि प्रोटीन युक्त भोजन कैंटीन संचालक की ओर से नहीं दिया जा रहा है। अंडा, दूध और फल के बारे में पूछने पर रसोईया की ओर से कोई जवाब नहीं मिलता

खाने की मात्रा में कटौती

खिलेश वर्मा ने बताया कि खाने की मात्रा में भी कटौती की जा रही है। दाल कम दी जाती है। वहीं एक बार भोजन छोड़ने के बाद कैंटीन के रसोईया दोबारा नहीं आते हैं। भोजन की जरूरत पड़ने पर मरीज के परिजन को कैंटीन जाना पड़ता है।

भोजन में अधपकी दाल: भर्ती मरीज विवेक पाटिल ग्राम पदुमसरा ने बताया कि भोजन में हर बार एक ही प्रकार की सब्जी दी जाती है। ज्यादातर सोयाबीन बड़ी की सब्जी मरीजों को खिलाई जा रही है। दाल ठीक से पकी नहीं रहती है। इस तरह गुणवत्ता हीन भोजन दिए जाने से मरीजों में नाराजगी है।

रसोइया ने भोजन प्रभारी पर ठीकरा फोड़ा

मरीजों को दूध, अंडा और फल नहीं दिए जाने के संबंध में कैंटीन के रसोईया गोलमोल जवाब देने लगी। रसोइया इसकी जानकारी अस्पताल प्रबंधन को होने की बात कहकर पल्ला झाड़ने लगी। रसोइया के अनुसार मरीजो को भोजन देने के पूर्व अस्पताल के भोजन प्रभारी को भोजन दिखाया जाता है। बावजूद मरीजो को गुणवत्ताहीन भोजन दिए जाने से अस्पताल प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

टेंडर निकाला गया है

केंटीन के काम के लिए टेंडर जारी किया गया है, जल्द नई एजेंसी को काम दिया जाएगा। तय मेन्यू के अनुसार मरीजों को भोजन मिले इसके लिए भोजन प्रभारी को निर्देश दिए जाएंगे।

डॉ. वंदना भेले, सिविल सर्जन जिला अस्पताल बेमेतरा

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