प्रदेश कांग्रेस कमेटी ब्लाॅक अध्यक्षों की नियुक्ति में विधायकों के हस्तक्षेप के कारण विवाद की स्थिति, मचा घमासान
प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्षों की नियुक्ति से नाराजगी देखने को मिल रही है। पुराने चेहरों को ही फिर से जिम्मेदारी दिए जाने के कारण कई जिलों में नाराजगी देखने को मिल रही है। कई विधानसभा क्षेत्रों के ब्लॉक में विधायकों के हस्तक्षेप के कारण भी विवाद की स्थिति निर्मित होने से बवाल मच गया है।;
प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्षों की नियुक्ति से नाराजगी देखने को मिल रही है। पुराने चेहरों को ही फिर से जिम्मेदारी दिए जाने के कारण कई जिलों में नाराजगी देखने को मिल रही है। कई विधानसभा क्षेत्रों के ब्लॉक में विधायकों के हस्तक्षेप के कारण भी विवाद की स्थिति निर्मित होने से बवाल मच गया है। दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर, बलौदाबाजार और प्रदेश के कई जिलों में इसे लेकर प्रदेश कांग्रेस को कई शिकायतें मिली हैं।
ब्लॉक अध्यक्षों को नियुक्ति में प्रदेश कांग्रेस ने 307 ब्लॉक अध्यक्षों में से 65 प्रतिशत जगहों पर पुराने चेहरे को ही रिपीट किया है। 35 प्रतिशत स्थानों पर नए अध्यक्षों की नियुक्ति की गई है। ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेअी ने तीन माह में बनाई गई रणनीति के बाद सभी पक्षों की राय लेने के साथ विधायकों से भी नाम मांगे थे।
उसके आधार पर नियुक्ति में कई सक्रिय कार्यकर्ताओं को हटाए जाने से नाराजगी देखने को मिल रही है। पीसीसी को कई जिलों से शिकायत भी मिल रही है। बिलासपुर जिले में ब्लॉक अध्यक्ष द्वारा विधायक से दुर्व्यवहार ने पीसीसी को सकते में डाल दिया है। अब नियुक्ति को लेकर विरोध सामने आ रहा है।
राजधानी में तीन ब्लॉक में विवाद
राजधानी रायपुर में पुरानीबस्ती ब्लॉक कांग्रेस की अध्यक्ष सुनीता शर्मा को हटा दिया गया है। वे कांग्रेस की पुरानी और सक्रिय कार्यकर्ता थीं। वहां जोगी कांग्रेस से कांग्रेस में आए कांग्रेसी को जिम्मेदारी देने से नाराजगी है। वहीं राजतालाब ब्लॉक में कांग्रेस के सक्रिय सदस्य को हटाकर यहां दीपा बग्गा को नया अध्यक्ष बनाए जाने से नाराजगी है। वहीं एल्डरमैन सुनील भुवाल को ब्लॉक अध्यक्ष की जिम्मेदारी देने से विधायक खासे नाराज हैं। उनकी नाराजगी के बाद उन्हें बदले जाने के संकेत मिल रहे हैं।
दुर्ग ग्रामीण में नए चेहरे को मौका
ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर भिलाई जिला कांग्रेस कमेटी में विधायक और संगठन के बीच घमासान पहले से चल रहा था। इस बीच दुर्ग ग्रामीण से संबंधित ब्लॉक भिलाई-6 को छोड़कर दोनों के बीच 3-3 अध्यक्षों के पदों के बंटवारे की भी चर्चा के बीच पार्टी ने दोनों को झटका देते हुए गुटीय संतुलन के बजाए नए चेहरों को मौका दे दिया है।
बड़े नेताओं के करीबी और लंबे समय से पदों पर जमे नेताओं को भी दरकिनार कर दिया गया है। नामों की घोषणा होते ही विरोध के स्वर भी शुरू हो गए हैं। विधायक खेमे के एक अध्यक्ष को हटाए जाने से नाराज समर्थकों ने हंगामा भी किया।
दुर्ग शहर में दो नए चेहरे
दुर्ग शहर के ब्लॉक अध्यक्षों में विधायक अरुण वोरा के करीबियों को तवज्जो दी गई है। 5 में से 3 पुराने अध्यक्षों को रिपीट किया गया है। वहीं दोनों महिला अध्यक्ष दान बाई तामस्कर और निर्मला साहू की छुट्टी कर दी गई है। उनकी जगहों पर महीप सिंह भुवाल और राजकुमार साहू पहली बार अध्यक्ष बनाए गए हैं।
गरियाबंद और कवर्धा में विरोध
इसी तरह पंडरिया विधायक ममता चंद्राकर द्वारा जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ नेताओं को कांग्रेस में शामिल करने को लेकर स्थानीय नेताओं की नाराजगी सामने आई है। यही वजह है कि कवर्धा जिलाध्यक्ष ने अवैध बताते हुए प्रवेश प्रक्रिया रोक दी। इसी तरह ब्लाक अध्यक्ष नियुक्ति मामले पर गरियाबंद जिले के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने विधायक अमितेश शुक्ल का पुतला फूंका है। मुर्दाबाद के नारे लगाए हैं।
सिमगा और बिलाईगढ़ विधायक का विरोध
सिमगा ब्लॉक में टीके नायक काे ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किए जाने से कार्यकर्ताओं में बहुत नाराजगी है। वहीं बिलाईगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ब्लॉक कांग्रेस में नियुक्ति का लेकर विधायक के खिलाफ पीसीसी अध्ण्यक्ष मरकाम को कार्यकर्ता पहले ही शिकायत कर चुके हैं। यहां विधायक की पसंद से नियुक्ति की गई है।