बेरोजगारी का ऐसा आलम, गुरुजी के लिए इंजीनियर, एमबीए और पीएचडी वालों की कतार!

बेरोजगारी का आलम ऐसा है कि संविदा के मात्र 196 पदों के लिए 22737 आवेदन प्राप्त हुए हैं। गुरूजी बनने के लिए इंजीनियरिंग, एमबीए और पीएचडी डिग्रीधारी भी बड़ी संख्या में आवेदन लगाए हैं। वेतन अच्छा होने के कारण संविदा में भी काम करने जबर्दस्त रूझान दिख रहा है। 12 जून को आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि थी। हजारों की संख्या में आवेदन आने से डेढ़ माह से केवल लिफाफों की छंटाई, एक-एक प्रमाणपत्रों की जांच और कम्प्यूटर में इंट्री करने का काम चल रहा है, जो अगले अगस्त माह तक चलेगा।;

Update: 2021-07-25 05:41 GMT

सुरेश रावल. जगदलपुर. सरकारी स्कूल में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई का नया प्रयोग पिछले साल से भूपेश सरकार ने किया है। जिला स्तर पर एक विद्यालय खोलने पर बड़ी संख्या में विद्यार्थियों का दाखिला होने से इस साल सभी ब्लाक में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खोलने का निर्णय सरकार ने लिया है। मुख्यमंत्री के व्यक्तिगत रूचि लेने से जिला प्रशासन भी खासतौर से सरकारी स्कूल को प्रायवेट स्कूल के जैसा भव्य बनाने की कवायद में जुट गया है। इस साल बस्तर जिले के 6 ब्लाक बस्तर, बकावंड, तोकापाल, लोहण्डीगुड़ा, दरभा और बास्तानार में अंग्रेजी माध्यम सरकारी स्कूल खोला जाना है। जिसके लिए 3 साल के लिए संविदा पर शिक्षकों समेत अन्य पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मंगवाए गए हैं।

बेरोजगारी का आलम ऐसा है कि संविदा के मात्र 196 पदों के लिए 22737 आवेदन प्राप्त हुए हैं। गुरूजी बनने के लिए इंजीनियरिंग, एमबीए और पीएचडी डिग्रीधारी भी बड़ी संख्या में आवेदन लगाए हैं। वेतन अच्छा होने के कारण संविदा में भी काम करने जबर्दस्त रूझान दिख रहा है। 12 जून को आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि थी। हजारों की संख्या में आवेदन आने से डेढ़ माह से केवल लिफाफों की छंटाई, एक-एक प्रमाणपत्रों की जांच और कम्प्यूटर में इंट्री करने का काम चल रहा है, जो अगले अगस्त माह तक चलेगा। शिक्षा विभाग के व्याख्याता और हेडमास्टर जैसे वरिष्ठ शिक्षक इस काम को अंजाम दे रहे हैं। बताया गया कि 12 टीम में 24 लोग बारीकी से काम में लगे हैं ताकि कोई योग्य और पात्र के साथ अन्याय न हो और कोई फर्जी प्रमाणपत्र वाला बाजी न मार ले। कलेक्टर रजत बंसल ने भी जिला शिक्षाधिकारी को नियुक्ति में सावधानी और पारदर्शिता से काम करने को कहा है। अपनी ओर से उन्होंने दो महिला डिप्टी कलेक्टर गीता रायस्त और कावेरी मरकाम को चल रहे सत्यापन कार्य में निरंतर निगरानी के लिए निरीक्षण करने जवाबदारी सौंपी है।

चपरासी के लिए 8 हजार और ग्रंथपाल के 420 आवेदन

मिली जानकारी के मुताबिक व्याख्याता के लिए हिन्दी 691, अंग्रेजी 324, संस्कृत 400, गणित 218, जीव विज्ञान 242, वाणिज्य 160, रसायन 135, भौतिकी 99 तथा सामाजिक अध्ययन 89, मिडिल स्कूल के शिक्षक के लिए संस्कृत 268, अंग्रेजी 259, विज्ञान 348 और गणित 220, प्रायमरी सहायक शिक्षक के लिए विज्ञान में 665 और कला में 467, प्रयोगशाला सहायक विज्ञान में 3250 आवेदन आएं हैं। इसके अलावा प्रायमरी प्रधान अध्यापक 263, मिडिल प्रधान अध्यापक 148, कम्प्यूटर शिक्षक 817, व्यायाम शिक्षक 229, ग्रंथपाल 420, लिपिक वर्ग-2 के लिए 1359 तथा लिपिक वर्ग-3 के लिए 2343 आवेदन पत्र मिले हैं। चपरासी के लिए 7928 और चौकीदार के लिए 1395 लोगों ने आवेदन लगाया है।

मेरिट में चयन, इंटरव्यू में 980 को मौका

शिक्षा विभाग के सहायक संचालक कमलाकांत जोशी ने बताया कि सत्यापन के बाद दावा आपत्ति उसके बाद साक्षात्कार के लिए कॉल लेटर भेजना और फिर साक्षात्कार इन सब में एक माह से अधिक समय लग जाएगा। अगस्त माह के अंतिम तारिख में ही संभवत: शिक्षक तथा सभी पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया संपन्न हो सकेगी। उन्होंने कहा कि चयन का मापदंड मेरिट है जिसमें 196 पद के लिए प्रति पद में 5 अभ्यर्थी को बुलाना है। इस तरह 980 अभ्यर्थी साक्षात्कार में शामिल हो सकेंगे।

बस्तर जिले के निवासी और अंग्रेजी माध्यम को प्राथमिकता

बताया गया कि आवेदनों की छंटाई और सत्यापन में यह भी देखा जा रहा है कि बस्तर जिले के निवासी को पहले प्राथमिकता देना है। उसके बाद संभाग के अन्य जिले और अंत में राज्य के अन्य क्षेत्रों से प्राप्त आवेदनों पर विचार होगा। असल में पूरे राज्य स्तर से आवेदन मंगवाए गए हैं, लेकिन स्थानीय को प्राथमिकता देने का सैद्धांतिक रूप से निर्णय लिया गया है। असल में बस्तर के सभी आदिवासी विधायक और सांसद की यह मंशा है कि हर नौकरी में स्थानीय को अवसर पहले मिलना चाहिए। अंग्रेजी माध्यम को वरियता दी गई है लेकिन जिन पदों के लिए पात्र अभ्यर्थी नहीं मिलेंगे तो हिन्दी माध्यम पर विचार होगा। नियम को कहीं-कहीं शिथिल किया गया है।

पारदर्शी प्रक्रिया से होगा चयन

शासन के निर्देशानुसार रिजर्वेशन फॉलो करते हुए पूरी पारदर्शी प्रक्रिया के अनुसार चयन होगा। निर्धारित योग्यता के अनुसार अभ्यर्थी को चुना जाएगा। युवाओं को किसी भी तरह का भ्रम पालने के जरूरत नहीं है। किसी के झांसे में न आएं। आईएएस अफसर के साथ मैं स्वयं भी चयन प्रक्रिया में पूरी मॉनीटिरंग कर रहा हूं।

- रजत बंसल, कलेक्टर बस्तर

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