'रॉकेट्री' से प्रभावित हुए तहसीलदार : वैज्ञानिक नंबी नारायण और अभिनेता आर माधवन को इस तरह सम्मानित करने की चाहत

उन्होंने अपने एक 1 महीने की सैलरी इस फिल्म के एक्टर आर माधवन और जिन साइंटिस्ट पर यह फिल्म बनी है, साइंटिस्ट नंबी नारायण को देने का फैसला किया है। तहसीलदार राठौर ने बताया कि, वैज्ञानिक नंबी नारायण ने देश के लिए बहुत बड़ा योगदान दिया है, लेकिन उसके बदले देश ने उनके लिए कुछ भी नहीं किया। पढ़िए पूरी खबर...;

Update: 2022-08-30 07:19 GMT

नौशाद अहमद-सूरजपुर। भारत में इन दिनों बड़ी हस्तियों के जीवन पर आधारित फिल्में बनाने का क्रम जोरों पर है। हाल ही में एक ऐसी ही फिल्म रिलीज हुई है। जिसका नाम रॉकेट्री है। इस फिल्म में एक रॉकेट साइंटिस्ट नंबी नारायण के जीवन की सच्ची कहानी को दिखाया गया है। इस फिल्म में साउथ के मशहूर अभिनेता आर माधवन ने साइंटिस्ट की भूमिका को जीवंत किया है। बताया जा रहा है कि अभिनेता माधवन ने इस फिल्म के लिए बिना पैसे लिए काम किया है। फिल्म को पूरे देश में काफी सराहा गया है। लेकिन इस फिल्म को देखने के बाद सूरजपुर के तहसीलदार संजय राठौर इतने ज्यादा प्रभावित हुए हैं कि उन्होंने अपनी 1 महीने की सैलरी सम्मान के रूप में उस असली राकेट साइंटिस्ट नंबी नारायण को देने की इच्छा व्यक्त की है। वे इस फिल्म में अभिनेता आर माधवन की एक्टिंग से भी काफी प्रभावित हुए हैं। श्री राठौर अभिनेता आर माधवन को भी उनके सम्मान में एक माह की सैलरी देना चाहते हैं।

वैज्ञानिक नंबी नारायण ने देश के लिए दिया बड़ा योगदान

उल्लेखनीय है कि, इस फिल्म को देखकर सूरजपुर के तहसीलदार संजय राठौर बहुत ज्यादा प्रभावित हुए हैं। और उन्होंने अपने एक 1 महीने की सैलरी इस फिल्म के एक्टर आर माधवन और जिन साइंटिस्ट पर यह फिल्म बनी है, साइंटिस्ट नंबी नारायण को देने का फैसला किया है। तहसीलदार राठौर ने बताया कि, वैज्ञानिक नंबी नारायण ने देश के लिए बहुत बड़ा योगदान दिया है, लेकिन उसके बदले देश ने उनके लिए कुछ भी नहीं किया। इसीलिए मैं अपने 1 महीने की सैलरी उनको सम्मान के रूप में भेंट करना चाहता हूं। साथ ही इस फिल्म के प्रोड्यूसर डायरेक्टर आर माधवन की पूरी टीम ने इस पूरी फिल्म को बनाने के लिए बिना पैसे लिए काम किया है।

2018 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दोषमुक्त किया

नंबी नारायण देश के पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने रॉकेट बनाने का काम शुरू किया था। लेकिन कुछ लोगों की साजिशों की वजह से उनके ऊपर आपराधिक मामला दर्ज करा दिया गया। हालांकि साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दोषमुक्त कर दिया। तहसीलदार राठौर का मानना है कि, यदि इन्हें षड्यंत्रपूर्वक नहीं हटाया गया होता तो आज भारत दुनिया के बड़े रॉकेट साइंस देशों में शामिल होता है।

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