पैरोल पर छूटा कैदी भागा : आजीवन कारावास भोग रहे कैदी को मिली पैरोल, मियाद खत्म होने पर घरवाले जेल गेट तक छोड़ गए-वहां से भाग निकला

पैरोल पूरा होने के बाद वे उसी दिन शाम को उसे केंद्रीय जेल के गेट तक छोड़कर आए थे। परिवार वालों की बातों को सुनकर जेल प्रबंधन ने CCTV कैमरे में देखा। CCTV में साफ हो गया कि कैदी परिवार वालों के जाने के बाद जेल के अंदर नहीं गया, बल्कि वहां से भाग निकला। पढ़िए पूरी खबर...;

Update: 2022-07-30 07:42 GMT

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में केंद्रीय जेल से दो स्कूली बच्चों के अपहरण के केस में आजीवन कारावास की सजा काट रहा कैदी फरार गया।

मिली जानकारी के अनुसार, कैदी 18 दिन के पैरोल पर अपने गांव गया था। कुछ दिन बाद जब कैदी जेल नहीं पहुंचा, तो प्रबंधन ने उसके परिवार वालों को कॉल कर पूछा तो उसके परिवार से खबर मिली कि अभी उसे जेल के गेट तक पहुंचाकर लौटे हैं। लेकिन वह जेल के गेट से भाग गया। पुलिस ने उसके खिलाफ केस दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है। कैदी मुंगेली का रहने वाला है। 30 साल के अनिल कुमार पाठे को जेल महानिदेशक के आदेश पर 11 जुलाई को 18 दिन के पैरोल पर छोड़ा गया था।

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CCTV फुटेज से पता चला कैदी के भागने का सच

परिवार वालों ने जानकारी दी कि, पैरोल पूरा होने के बाद वे उसी दिन शाम को उसे केंद्रीय जेल के गेट तक छोड़कर आए थे। परिवार वालों की बातों को सुनकर जेल प्रबंधन ने CCTV कैमरे में देखा। CCTV में साफ हो गया कि कैदी परिवार वालों के जाने के बाद जेल के अंदर नहीं गया, बल्कि वहां से भाग निकला। मुख्य प्रहरी श्रीधर कुमार ने उसके फरार होने की शिकायत की। उसके बाद पुलिस ने उसके खिलाफ केस दर्ज कर उसकी तलाश कर रही है।

स्कूल के दो बच्चों का किया था अपहरण

पुलिस ने बताया कि सरकंडा के जबड़ापारा में रहने वाले मेडिकल स्टोर संचालक विनोद केशरवानी के दो बेटे हर्ष और विक्की ड्रीमलैंड स्कूल में पढ़ते थे। आरोपी ने दोनों बच्चों का अपहरण कर पिता को फोन कर दो करोड़ रुपए मांगे थे। जब पुलिस का दबाव बढ़ने लगा तो आरोपी ने दोनों बच्चों को रुपए देकर बस में बिठा दिया था। उसके बाद मंगला चौक में बच्चे सही-सलामत मिल गये थे।

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