डर के आगे जीत है : नक्सलियों ने महिला सरपंच के पति की जान ले ली, वह फिर भी नहीं डरी, गांव के विकास और समाज सेवा को समर्पित रीता सीएम के हाथों सम्मानित हुईं
महिला सरपंच रीता मंडावी अपने पति घनश्याम मंडावी के साथ गांव के हर पारा-मोहल्ले में घूम-घूमकर सरकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने का काम करती थी। साथ ही क्षेत्र में लगातार विकास के काम करवा रही थी। फिर क्या हुआ, पढ़िए...;
बीजापुर। छत्तीसगढ़ के घनघोर नक्सल प्रभावित जिले बीजापुर के गांव अड्डावली की महिला सरपंच ने साहस और हौसले की मिसाल पेश की है। गांव में विकास के काम कराने पर नक्सलियों ने उसके पति की हाल ही में हत्या कर दी थी। लेकिन सरपंच पद की गरिमा और गांव की जिम्मेदारी को निभाने से रीता ने मुंह नहीं मोड़ा। जबकि नक्सलियों ने उसके पति की हत्या के वक्त उसे भी विकास के काम गांव में न कराने की चेतावनी दी थी। नक्सली धमकी के बावजूद भी सरपंच रीता ने हिम्मत नहीं हारी और गांव के लोगों की सेवा के साथ विकास के काम करती रही। अब उसे इस बात का ईनाम भी मिला है। सीएम भूपेश बघेल ने महिला सरपंच के हौसले की तारीफ करते हुए आर्थिक मदद के तौर पर 5 लाख रुपए का चेक भी दिया है।
अब इस पूरे मामले को ऐसे समझिए- गांव अड्डावली की की महिला सरपंच रीता मंडावी अपने पति घनश्याम मंडावी के साथ गांव के हर पारा-मोहल्ले में घूम-घूमकर सरकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने का काम करती थी। साथ ही क्षेत्र में लगातार विकास के काम करवा रही थी। इसी बौखलाहट में नक्सलियों ने रीता के पति घनश्याम मंडावी की हत्या कर दी। पति की मौत के बाद भी डरने की बजाए रीता और ज्यादा मजबूती से खड़ी हुईं। अपने 4 साल के बेटे और 2 साल की बेटी को पालने के साथ ही अपना काम करती रहीं। लोगों को जागरूक करना और शासन की योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाना उन्होंने नहीं छोड़ा। हालांकि बच्चों की पढ़ाई की चिंता भी उसे सताती रही।
बच्चों को पढ़ाने और समाज सेवा की धुन
सीएम के के हाथों सहायता राशि मिलने के बाद रीता मंडावी ने कहा है कि वो इन पैसों को अपने बच्चों की शिक्षा और उनके बेहतर भविष्य के लिए खर्च करेंगी और अपने जीवन को पहले की तरह ही समाज सेवा और लोगों को जागरूक करने में समर्पित करेंगी।