रेत मुट्ठी में करने इतनी अर्जियां कि भर गईं सात पेटियां, आधी रात तक गिनती, फिर लॉटरी
खदानों (mines) की नीलामी (Auction)ऑनलाइन की जगह ऑफलाइन प्रक्रिया से की गई। गूगल मैप से चिन्हांकित की गई 7 नई रेत खदानों के लिए शुक्रवार सुबह 11 बजे से कलेक्टोरेट परिसर स्थित रेडक्रास सभागार (Red Cross Auditorium located in Collectorate Complex)में सीलिंग प्राइस बोली लगे आवेदनों से भरी पेटियां खोली गई। पढ़िए पूरी खबर ...;
रायपुर। सिंडीकेट (syndicate) को फायदा पहुंचाने के लिए एक बार फिर रेत खदानों (mines) की नीलामी (Auction)ऑनलाइन की जगह ऑफलाइन प्रक्रिया से की गई। गूगल मैप से चिन्हांकित की गई 7 नई रेत खदानों के लिए शुक्रवार सुबह 11 बजे से कलेक्टोरेट परिसर स्थित रेडक्रास सभागार (Red Cross Auditorium located in Collectorate Complex)में सीलिंग प्राइस बोली लगे आवेदनों से भरी पेटियां खोली गई। इसमें समान बोली के आवेदन ज्यादा होने पर सभी खदानों की नीलामी लॉटरी पद्धति से की गई, जिसमें प्रथम पर्ची के नाम के अनुसार खदानों का ठेका दिया गया।
जिले की 7 नई रेत खदानों के लिए 2809 आवेदन आए थे। इन आवेदनों की जांच करने में ही विभाग का पसीना छूट गया। सुबह 11 बजे से सभी खदानों के लिए आवेदनों से भरी 7 पेटियां खोली गईं। इन आवेदनों की जांच के लिए विभाग ने 7 टीम बनाई थी । प्रत्येक टीम में 2 कर्मचारी एवं 2 हेल्परों की ड्यूटी लगाई गई थी। इस टीम को आवेदनों की जांच करने में ही रात 11 बजे गए। जांच में लगभग 40 आवेदन निरस्त भी किए गए, जबकि अन्य आवेदनों में जो सही पाए गए, उनमें कई समान बोली के मिले। इसके बाद इन आवेदनों के लिए लॉटरी पद्धति अपनाते हुए रात लगभग 2 बजे लॉटरी निकाली गई।
इन्हें मिला ठेका
खदान नाम
जी-कुरुद कृष्ण कश्यप
एच- मोहमेला (ए) रोहित सिंघानिया
आई - मोहमेला(बी) सरोज नेताम
जे चिखली (ए) आदित्य कुमार वर्मा
के चिखली (बी) रोहित खेडिया
एल- चिखली (सी) राघवेंद्र कुमार खेड़िया
एम राटाकाट सुजीत सिंह
निविदा शुल्क के जरिए विभाग ने कमाए पौने तीन करोड
विभाग ने रेत खदान के आवेदन के लिए दस हजार रुपए निविदा शुल्क रखा था। इसके अनुसार विभाग के पास 2809 आवेदन मिले हैं। नियम के अनुसार निविदा शुल्क की यह राशि लौटाई नहीं जाती, जिससे विभाग को इन आवेदनों के जरिए 2 करोड़ 80 लाख 90 हजार रुपए की आय हुई है।
नई खदानों से बढ़ेगा राजस्व
खनिज विभाग उपसंचालक केके गोलघाटे ने बताया कि,नई खदानों के ठेके पर देने से आम लोगों के साथ शासन को भी फायदा होगा। शासन को इससे जहां रायल्टी के रूप में हर महीने राजस्व मिलेगा, वहीं रेत की आपूर्ति बढ़ने से मूल्य में भी गिरावट आएगी। इससे आम लोगों को कम मूल्य पर रेत मिल पाएगी।
5 साल का ठेका
छत्तीसगढ़ गौण खनिज साधारण रेत नियम 2019 में संशोधन किया गया है। इसके तहत खदान ठेका का अनुबंध 5 साल और पर्यावरण विभाग की स्वीकृति एक साल के लिए मिलेगी। एक साल के बाद पर्यावरण विभाग से एनओसी दोबारा लेनी होगी।
रेत के मूल्य से मिलेगी राहत
विभागीय अधिकारियों के अनुसार नई रेत खदानों के खुलने से आम लोगों को रेत के मूल्य से भी राहत मिलेगी। अभी तक खदानें कम होने से रेत की आपूर्ति भी कम थी। नई खदानों से रेत की आपूर्ति ज्यादा होगी, जिससे इसके मूल्य में भी गिरावट आएगी। हालांकि यह राहत 15 अक्टूबर के बाद से मिल पाएगी, 15 अक्टूबर तक बारिश के कारण रेत उत्खनन पर प्रतिबंध लगा हुआ है। प्रतिबंध हटने के बाद ही खदानों में उत्खनन का काम शुरू हो पाएगा।
खदानों की संख्या 13 हुई
7 नई खदानों की नीलामी के बाद जिले में रेत खदानों की संख्या 13 हो गई है। इससे पहले फरवरी में 6 रेत खदानों की नीलामी की गई थी। हालांकि इनमें से एक भी रेत खदानों में उत्खनन का काम शुरू नहीं हो पाया है।