नियम-कायदे नहीं मानती ये कंपनी : रेत का अवैध खनन, पत्थर निकालकर क्रशर से तोड़ने के पेड़ों की हो रही अंधाधुंध कटाई- एनजीटी के नियमों की भी अनदेखी
प्रत्यक्षइर्शियों की माने तो रेत का अवैध परिवहन भी कंपनी कर रही है। इसका प्रमाण पीएमजीएसवाई के तहत कुछ माह पूर्व निर्माण किये गए सड़क बयां भी कर रही है। गिट्टी व रेत की ओवर लोडिंग कर परिवहन करने के कारण यह सड़क कई स्थानों पर गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। पढ़िए पूरी खबर...;
कमलजीत सिंह गिल-भैयाथान। छत्तीसगढ़ शासन के तमाम प्रयासों और निर्देशों के बावजूद अवैध उत्खनन पर रोक नहीं लगा पाना, जिला प्रशासन की भूमिका पर कई सवाल खड़ा कर रहा है। प्रशासनिक सुस्ती के कारण बीते कुछ वर्षों में अवैध कारोबारी खनिज संपदा का दोहन करते हुए जमकर फले-फूले हैं।
हाल ही में भैयाथान के समीपस्थ ग्राम पासल से एक मामला सामने आया है। यहां छत्तीसगढ़ हाइड्रो पावर लिमिटेड द्वारा करोङों की लागत से निर्माण कराई जा रही विधुत ताप परियोजना में एनजीटी नियमों को दरकिनार करते हुए जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। यहां कंपनी के द्वारा अंधाधुंध पेड़ों की कटाई की जा रही है। साथ ही रेणु नदी और समीपस्थ जंगलों से बड़े-बड़े पत्थरों को निकलवाकर खुद के स्थापित किये गये क्रशर मशीन से छोटे स्टोन तैयार कर स्वयं के उपयोग के साथ-साथ अन्यत्र भी भेजा जा रहा है और अतरिक्त मुनाफा कमाया जा रहा है। इतना ही नहीं नदी से खुदाई कराकर सैकड़ों टन रेत का भंडारण कर लिया गया है। इसका उपयोग कंपनी खुद तो कर ही रही है पर प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो रेत का अवैध परिवहन भी कंपनी के द्वारा किया जा रहा है। इसका प्रमाण पीएमजीएसवाई के तहत कुछ माह पूर्व बनी सड़क बयां भी कर रही है। गिट्टी व रेत की ओवर लोडिंग कर परिवहन करने के कारण यह सड़क कई स्थानों पर गड्ढों में तब्दील हो चुकी है।
टनल में गिरकर पशुओं की मौत का भय
हाइड्रो पावर कंपनी द्वारा कराए जा रहे इस निर्माण में सुरक्षा मानकों को दरकिनार कर दिया गया है। इस प्लांट में सैकड़ों मीटर टनल का निर्माण कार्य प्रगति पर है जो काफी ऊंचा व गहरा है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि पशुओं को चराते वक्त इस बात का भय सदैव बना रहता है कि कहीं टनल में गिरकर उनके पशुओं की मौत न हो जाये।
हो चुकी है कर्मचारी की मौत
इस कंपनी की लापरवाही के कारण कुछ माह पूर्व यहां कार्यरत एक स्थानीय निवासी संजय पावले नामक युवक की हाईटेंशन बिजली तार के चपेट में आने से मौत हो गयी थी। जिसे लेकर आस-पास के ग्रामीण लामबंद होते हुए चक्का जाम कर दिए थे, बाद में कंपनी के द्वारा 20 लाख की मुआवजा राशि व परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने के आश्वाशन के बाद ग्रामीण शान्त हुए थे। बावजूद इस घटना से कंपनी ने सीख हासिल नहीं की है।
क्रशर संचालित करने की अनुमति अभी नहीं
विभागीय सूत्रों की माने तो इस कंपनी को पत्थर निकालने व क्रशर संचालित करने की अनुमति अभी नहीं मिली है। कंपनी के द्वारा अनुमति के लिए दस्तावेज जमा किया गया है। इसकी अनुमति मिलनी अभी बाकी है। बहरहाल जिला प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेता है या नही यह देखना दिलचस्प होगा।
दोषियों पर होगी सख्त कार्यवाही
इस संबंध में खनिज निरीक्षक नेहा टंडन ने कहा कि मैंने अभी हाल ही में कार्यालय ज्वाइन किया है, मुझे इस संबंध में जानकारी नहीं है। आपके माध्यम से जानकारी मिली है। इस मामले में जांच की जाएगी और नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
कलेक्टर ने कही जांच की बात
वहीं सूरजपुर कलेक्टर इफ्फत आरा ने कहा है कि, इस बारे में उन्हें जानकारी मिली है। जांच की जा रही है, गलती पाये जाने पर दोषियों पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।