सप्ताह में केवल एक दिन खुलता है यह स्कूल : इस मिडिल स्कूल में है केवल एक शिक्षक, वह स्कूल आता है सप्ताह में केवल एक दिन...
पूर्व माध्यमिक शाला कसई बहरा में पूरे दिन लटका ताला। देहाती बच्चों के शिक्षा के अधिकार का हो रहा है हनन। पढ़िए पूरी खबर ....;
प्रेम सोमवंशी-कोटा। छत्तीसगढ़ के कोटा विकासखंड अंतर्गत शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला कसई बहरा में पूरे दिन ताला लटकता रहा। पूर्व माध्यमिक शाला में ग्रामीण अंचल के 52 विद्यार्थियों ने अपना दाखिला करवाया है। जहां एकमात्र शिक्षक शंकर लाल कैवर्त पदस्थ हैं। सोमवार से शुक्रवार तक स्कूल बंद रहता है। केवल शनिवार के दिन ही पढाई होती है। ग्रामीण अंचल में शिक्षा की इतनी दुर्गति है कि जिम्मेदार शिक्षक पर कार्यवाही करने की जगह उन्हें अभयदान दिया गया है। इस स्थिति में स्कूल भवन का जर्जर होना कोई नई बात नहीं है। जहां प्रशासन आदिवासी बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए अधिकारियों की नियुक्ति कर निश्चिन्त रहता है वहीं अधिकारी देहाती बच्चों के शिक्षा के अधिकार का हनन करते हैं। यह पूरा मामला शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठता है।
2 माह से लगातार की जा रही है शिकायत
विगत 2 माह से लगातार शिकायत की जा रही है। लेकिन न तो अब तक पर्याप्त शिक्षकों की नियुक्ति की गई और न ही नियमित रूप से स्कूल का संचालन ही किया जा रहा है। बंद पड़े स्कूल से अवगत होने के बाद भी शिक्षक पर कार्यवाही न किया जाना प्रशासन पर प्रश्नचिन्ह है।
स्कूल बंद रहने से मध्यान भोजन भी बंद पड़ा हुआ है। बगैर स्कूल खोले मध्यान भोजन की सुविधा देना संभव नहीं है। यह भी सवाल है कि मध्यान भोजन का राशन कहां है? एक माह में केवल 6 से 8 दिन मध्यान भोजन की सुविधा दी जा रही है। माह के बाकी दिनों का राशन सामग्री सुरक्षित है या फिर राशन का बंदरबांट कर लिया गया है? यह भी जांच का विषय है। देखिए यह वीडियो...